Hapur Neem River News: नदी में खोदाई का जिम्मा उठाया पर्यावरण प्रेमियों ने

दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन के आह्वान पर मंडलायुक्त सुरेंद्र ¨सह ने सात जून को नीम नदी में श्रमदान कर नदी में खोदाई के काम का शुभारंभ किया था। मंडलायुक्त ने नदी में मनरेगा के तहत काम कराने के लिए कहा था।

By Vishal GoelEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:00 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 03:05 PM (IST)
Hapur Neem River News:  नदी में खोदाई का जिम्मा उठाया पर्यावरण प्रेमियों ने
प्रशासन ने मनरेगा के तहत नदी में खोदाई का काम शुरू कराया।

मनोज त्यागी, हापुड़। सभी भगीरथ बन गए, बालक वृद्ध जवान। नीम नदी को तारने, चला रहे अभियान। वरिष्ठ साहित्यकार और कवि डॉ. अशोक मैत्रेय की ये पंक्तियां नदी की स्थिति बताने के लिए पर्याप्त हैं। हर व्यक्ति की यही इच्छा है कि वह नदी के पुनर्जीवन में अपना सहयोग दें। ऋषि दत्तात्रेय की तपोस्थली गांव दत्तियाना में नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए जन सहयोग का गवाह बनेगा। दो दिन पहले तक पर्यावरण प्रेमियों द्वारा नदी को पुनर्जीवित कराने का काम किया जा रहा था। अब शनिवार से दोबारा खोदाई मशीन काम शुरू कर देगी। बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी नदी में श्रमदान करने के लिए लालायित हैं। चलो देर आए दुरुस्त आए वाली बात शुक्रवार को प्रशासन द्वारा नदी को पुनर्जीवित कराने के लिए काम शुरू कर दिया गया। प्रशासन ने मनरेगा के तहत नदी में खोदाई का काम शुरू कराया।

गौरतलब है कि दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन के आह्वान पर मंडलायुक्त सुरेंद्र ¨सह ने सात जून को नीम नदी में श्रमदान कर नदी में खोदाई के काम का शुभारंभ किया था। मंडलायुक्त ने नदी में मनरेगा के तहत काम कराने के लिए कहा था। परंतु प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण अभी तक काम शुरू नहीं कराया गया था। जबकि पर्यावरण प्रेमियों ने उद्गम स्थल पर अपने खर्चे से खोदाई मशीन लगाकर काम शुरू करा दिया था। अब प्रशासन ने मनरेगा के तहत 11 मजदूरों को लगाकर काम शुरू कराया है। जिसमें तालाब के दोनों ओर बं¨डग (मिट्टी की बाउंड्री) का कार्य किया जा रहा रहा है। जिसके पूरा होने के बाद नदी के दोनों ओर वन विभाग द्वारा छायादार पौधे रोपे जाएंगे। साथ ही उनका संरक्षण भी किया जाएगा। यह काम आगे भी मनरेगा के तहत जारी रहेगा। नदी को पुनर्जीवित करने के लिए पूरे गांव का सहयोग मिल रहा है। सभी अपने-अपने स्तर पर जो काम कर सकते हैं सहयोग दे रहे हैं। शुक्रवार को 11 मनरेगा मजदूरों के द्वारा काम शुरू कराया गया है। शनिवार को करीब 25 लोगों को नदी की सफाई और खोदाई के लिए लगाया जाएगा। -रजनीश त्यागी, ग्राम प्रधान दत्तियाना नीम नदी के पुनरुत्थान का कार्य जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे ही ये क्षेत्र में हर वर्ग में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्षेत्र के बुजुर्गो को नीम नदी के बारे में पुराने किस्से कहानियां फिर से याद आने लगी हैं। उन्हें वे अपने पोते-पोतियों और बच्चों को सुनाने लगे हैं। उन्हें सुनकर युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।

सभी लोग नीम नदी पर श्रमदान की सेवा करने के लिए आतुर हैं। उन्हें ये लगने लगा है कि नीम नदी फिर से अपने उसी रूप में बहेगी और हम इस पुण्य कर्म के भागी होंगे। यह क्षेत्र की खुशहाली और समृद्धि का संदेश लेकर आएगी और दूसरी नदियों को जो निर्जीव पड़ी हैं उनके लिए भी संदेश देने का काम करेगी। आओ हम कल के लिए बूंद-बूंद का संरक्षण करें। -मदन सैनी, पर्यावरण प्रेमी

लोगों में नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए उत्साह है। नदी हो या तालाब की खोदाई का काम जन सहयोग के बिना नहीं किया जा सकता है। लोग लगातार श्रमदान करने के लिए संपर्क साधे हुए हैं। सभी की इच्छा है कि वह नदी में श्रमदान करें। नदी में श्रमदान के लिए सभी को मौका मिलेगा। पहले कुछ काम मशीन के द्वारा हो जाए इसके बाद सभी से नदी में श्रमदान करने के लिए आह्वान किया जाएगा। -नदी पुत्र रमनकांत त्यागी

मंडलायुक्त और जिलाधिकारी के निर्देश पर नीम नदी के उद्गम स्थल पर मनरेगा श्रमिकों को लगाकर तालाब की बं¨डग का कार्य कराया जा रहा है। जिसके पूरा होने के बाद वन विभाग द्वारा दोनों ओर पौधे लगाए जाएंगे। नीम नदी को पुनर्जीवित करने में प्रशासन अपने स्तर से कोई कसर नहीं छोड़ेगा। -उदय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी

chat bot
आपका साथी