वोट उसी को जो किए वादे पूरे कर सके

भूपेन्द्र कोष्ठा राठ चुनाव चिह्न मिलने के बाद प्रत्याशियों की धमाचौकड़ी बढ़ गई है जो काफि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:03 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:03 PM (IST)
वोट उसी को जो किए वादे पूरे कर सके
वोट उसी को जो किए वादे पूरे कर सके

भूपेन्द्र कोष्ठा, राठ : चुनाव चिह्न मिलने के बाद प्रत्याशियों की धमाचौकड़ी बढ़ गई है, जो काफिलों के साथ गांव गांव जाकर विकास के वादे करते नजर आ रहे हैं। मतदाताओं का मन ऐसे प्रत्याशी को जिताना है, जो क्षेत्र और गांव के विकास के वादे पूरे कर सके। मंगलवार का दिन तेज धूप, गर्म हवाओं और लू- लपट के बीच हमारी बाइक जिला पंचायत सैदपुर सीट के औंड़ेरा गांव की ओर रूख कर गई। राठ से निकलते ही जैसे ही औंड़ेरा रोड पर पहुंचे कि कुछ साल पहले लीपापोती की गई। सड़क के गढ्डों में तेज झटकों के साथ बाइक भी उछलने लगी। दो किमी जर्जर मार्ग से जैसे ही गांव में पहुंचे। स्कूल के पास ग्रामीण कुछ देर पहले निकले एक प्रत्याशी के काफिले की बात कर रहे थे, जो हाथों में प्रत्याशी के दिए गए बैलेट पेपर नमूने लिए थे। गांव के अवधेश शर्मा, रवि कुशवाहा, कल्लू शर्मा, धर्मेंद्र पाल और लोग भी कालभैरव जी मंदिर के एक पेड़ की छांव पर बैठे बातें कर रहे थे। कहने लगे आने वाला हर प्रत्याशी गांव की सड़क, बिजली पानी की व्यवस्था का वादा करता नजर आ रहा है। लेकिन जिला पंचायत सदस्य की सीट हो या ग्राम प्रधान की सीट, भैया वोट उसी को देना है जो वादा पूरा कर सकें। गांव में प्रधान तो खूब बन गए लेकिन अभी तक राठ से मुख्य सड़क किसी ने नहीं बनवाई। आज तक गांव वाले जर्जर सड़क से निकल रहे हैं। तभी जितेंद्र राजपूत, नीतू राजपूत चुनावी चर्चा में शामिल हो गए और कहा कि नेताओं को वादा करना आता है, लेकिन जीतने के बाद निभाना तो दूर गांव की ओर आते ही नहीं। गांव में पानी की टंकी नहीं बनाई गई। गांव के बाहर ट्यूबवेल जरूर बना है। लेकिन कागजों पर, गांव में पाइपलाइन भी दिखा दी गई। लेकिन हकीकत में गांव के अंदर एक नल की टोटी भी नहीं लगाई गई। हमारी बाइक यहां से निकलकर सैदपुर गांव की ओर जा रही थी। तभी बीच चौराहा स्थित गुटखा पान की पेटी पर कर्ण सिंह, उत्तम सिंह, नरेंद्र महाराज, जुगल किशोर आदि चुनाव की बातों में उलझे थे। कहने लगे गांव में बिजली व्यवस्था के लिए जर्जर तार और लोड ना सहने वाले ट्रांसफार्मर रखे हुए। जो आए दिन धमाका कर देते हैं। और कई दिनों तक कोई सुनवाई नहीं होती। गांव के ही लालदास, मूलचंद पाल और चंद्रभान प्रजापति साइकिल से गल्हिया गांव जा रहे थे। उनको रोककर चुनाव के बारे में जानकारी की तो कहने लगे यह समय हमारे खेतों में पड़ी फसलों को समेटने का है। सुबह-सुबह खेतों पर निकल जाते हैं वहां भी प्रत्याशियों का काफिला आकर वोट मांगने से नहीं चूकते। लेकिन ऐसे प्रत्याशी को गांव की बागडोर संभाल देनी है। जो वास्तव में गांव के विकास के वादे पूरे कर सकें।

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