नियमों से बेरुखी यानी मौत को दावत

शेखनपुरा निवासी राजेश द्विवेदी के अनुसार बीते कोहरे

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 11:32 PM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 06:06 AM (IST)
नियमों से बेरुखी यानी मौत को दावत
नियमों से बेरुखी यानी मौत को दावत

केस-1

शेखनपुरा निवासी राजेश द्विवेदी बताते हैं कि पिछली सर्दियों में कानपुर-सागर हाईवे पर कोहरे के चलते आगे जा रही ट्रैक्टर ट्राली नजर नहीं आई। नजदीक पहुंचने पर कार में ब्रेक लेनी पड़ी। बड़ा हादसा होने से बच गया। यदि ट्राली में रिफ्लेक्टर अथवा रेडियम टेप लगा होता तो शायद पहले ही नजर पड़ जाती।

केस-2

कुलपहाड़ निवासी राजेश बताते हैं बीते वर्ष दिसंबर में झांसी-मिर्जापुर हाईवे पर घने कोहरे के दौरान उनकी कार पुलिया की रेलिग से टकरा गई। कार की गति धीमी थी इसलिए सवार लोगों को मामूली चोटें ही आई। कोहरा पड़ता देख घटना याद आने लगती है। जिम्मेदारों को ऐसे स्थानों पर संकेतक लगवाना चाहिए।

---------

जागरण संवाददाता, महोबा : यह मौत को करीब से देखने वालों की आपबीती है, जिनके जेहन में रोंगटे खड़े कर देने वाले पल आज भी तरोताजा हैं। मगर, ऐसे भी लोग हैं जो सबक लेने को तैयार नहीं हैं और सड़क सुरक्षा के मानकों की धज्जियां उड़ाते रहते हैं। यह बेपरवाही ही किसी दिन बड़े हादसे की वजह बनती है। जिंदगी बचानी है तो यातायात नियमों के प्रति संजीदा होना ही पड़ेगा।

कोहरे के दौरान वाहनों में फॉग लाइट का प्रयोग करना चाहिए। वाहन के आगे और पीछे इंडीकेटर ठीक रखें व रेडियम टेप या रिफ्लेक्टर जरूर लगाएं। नियंत्रित रफ्तार में यात्रा कर हम हादसों में कमी ला सकते हैं। यह जानते तो सभी हैं लेकिन पालन कुछ ही लोग करते हैं। जिले में क्रशर उद्योग में लगे ज्यादातर डंपरों के इंडीकेटर खराब हैं। वहीं, रिफ्लेक्टर लगाए बिना फर्राटा भर रहीं ट्रैक्टर ट्रॉलियों से सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं। विडंबना यह है कि जिले में केवल दो ट्रैक्टर ट्रॉली का व्यावसायिक प्रयोग में पंजीकरण है।

----------

वाहनों में आने लगे सुरक्षा फीचर

वाहन एक्सपर्ट व टाटा के डीलर संदीप साहू के अनुसार गाड़ी क्षमता से तेज न चले इसलिए स्पीड गवर्नर के साथ एबीएस (ऑटो ब्रेकिग सिस्टम) की सुविधा मिलती है। इस लगाने पर वाहन रोकने में स्लिप नहीं करता है। एयर बैग तभी खुलेंगे जब सीट बेल्ट लगी होगी। सीट बेल्ट की याद दिलाने के लिए बजर होता है पर चालक बेल्ट को लपेटकर बजर का मुंह बंद कर देते हैं। हेड लाइट का ऊपरी हिस्से में काला पेंट लगाना चाहिए ताकि सामने से आ रहे वाहन चालक की आंखें न चौंधिया सकें। ओवरटेक करते समय हमेशा डिपर का प्रयोग करें ताकि आगे चल रहे वाहन चालक को अंदाजा हो जाए।

------------

जरा इनकी सुनिए

वाहनों में आगे-पीछे रिफ्लेक्टर जरूर लगवाने चाहिए। इससे घना कोहरा होने पर भी दूर से वाहन नजर आ जाता है।

इंद्रकुमार, चालक

वाहन पार्क करते समय इंडीकेटर जरूर जलाना चाहिए, ताकि दूसरे चालक को वाहन खड़े होने का अहसास हो सके।

संदीप, चालक

-----------

क्या कहते हैं अधिकारी

नाबालिग के वाहन चलाने पर अभिभावक पर भी दंड का प्रावधान किया गया है। एंबुलेंस को रास्ता न देने पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। यातायात नियम का पालन करते हुए लोगों को सावधानी बरतनी होगी। मदद के लिए 112 नंबर डायल कर पुलिस सहायता ली जा सकती है।

-अजय कुमार यादव, एआरटीओ (प्रवर्तन)

-----------

ट्रैक्टर ट्राली का प्रयोग किसी अन्य काम में कर रहे हैं तो परिवहन कार्यालय आकर वाणिज्यिक प्रयोग में पंजीकरण करा लें। पत्थर के काम में तमाम ट्रैक्टर ट्रॉलियां लगी हैं लेकिन पंजीकरण मात्र दो ने ही करा रखा है। ट्रॉली के पीछे रेडियम टेप जरूर लगा होना चाहिए।

-सुरेश वर्मा, एआरटीओ (प्रशासन)

chat bot
आपका साथी