हमीरपुर में अनफिट वाहनों को नहीं दिया जाता फिटनेस प्रमाणपत्र

जागरण संवाददाता हमीरपुर जिले में फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के दौरान परिवहन विभाग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 07:21 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 07:21 PM (IST)
हमीरपुर में अनफिट वाहनों को नहीं दिया जाता फिटनेस प्रमाणपत्र
हमीरपुर में अनफिट वाहनों को नहीं दिया जाता फिटनेस प्रमाणपत्र

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिले में फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के दौरान परिवहन विभाग की ओर से सतर्कता बरती जाती है। जांच में सेफ्टी स्टैंडर्ड का पालन करने वाले वाहनों को ही फिटनेस प्रमाण पत्र दिया जाता है। हालांकि, इसके लिए विभाग के पास कोई यंत्र नहीं है केवल आंखों से देखकर ही वाहन को फिट या अनफिट किया जाता है। इसके बाद भी सड़कों पर दौड़ने वाले जर्जर वाहन हादसों को दावत दे रहे हैं।

परिवहन विभाग द्वारा बड़े व चार पहिया वाहनों को नियमानुसार फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। जबकि बाइक, स्कूटर, तांगा, रिक्शा आदि की फिटनेस जांचने की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे कई बार यह दुर्घटनाओं का कारण बनते है। इसके अलावा कई अनफिट चार पहिया वाहन भी सड़कों पर देखे जाते है। इस संबंध में एआरटीओ भगवान प्रसाद ने बताया कि वाहनों की फिटनेस के दौरान आंखों से सेफ्टी फैक्टर रेडियम, बैक लाइट, हैडलाइट व इंडीकेटर आदि चेक किया जाता है। इसके अलावा टेक्निकल इंस्पेक्टर वाहन के टायर, बॉडी व इंजन की जांच करता है। वाहन चलकर आया है तो निश्चित तौर पर इसे ठीक ही माना जाता है। इसी प्रकार कामर्शियल वाहनों में नंबरों की जांच की जाती है। साथ ही वाहन के सेफ्टी स्टैंडर्ड की भी जांच की जाती है। जिनमें सही पाए जाने के बाद प्रमाण पत्र जारी होता है। ट्रैक्टरों पर भी की जाती है कार्रवाई

एआरटीओ ने बताया कि मौजूदा में जिले में कही भी जुगाड़ गाड़ियां संचालित नहीं हो रही है। वहीं व्यावसायिक गतिविधियों में लगे ट्रैक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। बताया कि इस वर्ष एक अप्रैल से लेकर अब तक 115 ट्रैक्टरों पर कार्रवाई की गई है। साथ ही हाईवे व स्टेट हाईवे से गुजरने वाले टैक्टर-ट्रालियों में रेडियम भी लगवाया जाता है। हालांकि गांवों में खेती किसानी में प्रयोग होने वाले ट्रैक्टर की चेकिग नहीं की जाती। लेकिन जब वह सड़कों पर दौड़ते है तो उन्हें नहीं बक्सा जाता।

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