बर्फीले बादलों के मध्य बूंदाबांदी से बढ़ी सर्दी

जागरण संवाददाता इटावा मौसम का बीती रात से अचानक मिजाज बदल गया आसमान में बर्फीले बादल छाने तथा बूंदाबांदी होने से वातावरण में ठंड बढ़ गई। तापमान में भी गिरावट हुई इसके तहत सुबह न्यूनतम 10 तो दोपहर में अधिकतम 21 सेल्सियस दर्ज किया गया। बादल छाने से सुबह हल्के कोहरा का भी प्रकोप नजर आया। इस दौरान स्कूल आने वाले बच्चों का बुरा हाल था सारा दिन आवागमन करने वालों को भी सर्दी से कंपकपाते देखा गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 11:27 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 06:03 AM (IST)
बर्फीले बादलों के मध्य बूंदाबांदी से बढ़ी सर्दी
बर्फीले बादलों के मध्य बूंदाबांदी से बढ़ी सर्दी

जागरण संवाददाता, इटावा : मौसम का बीती रात से अचानक मिजाज बदल गया, आसमान में बर्फीले बादल छाने तथा बूंदाबांदी होने से वातावरण में ठंड बढ़ गई। तापमान में भी गिरावट हुई, इसके तहत सुबह न्यूनतम 10 तो दोपहर में अधिकतम 21 सेल्सियस दर्ज किया गया। बादल छाने से सुबह हल्के कोहरा का भी प्रकोप नजर आया। इस दौरान स्कूल आने वाले बच्चों का बुरा हाल था, सारा दिन आवागमन करने वालों को भी सर्दी से कंपकपाते देखा गया। पहाड़ी क्षेत्र में जारी बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्र में बीती रात आ गया। आधी रात को आसमान में घने बादल छाने के साथ कोहरा भी छा गया था जो गुरुवार सुबह आठ बजे तक नजर आया। इसके पश्चात बादलों के मध्य सूर्यदेव की हल्की चमक नजर आई जो आम जनमानस को राहत प्रदान नहीं कर सके। सारा दिन लोग सर्दी की सिहरन महसूस करते रहे, शाम होने पर सिहरन और ज्यादा बढ़ गई। सड़कों पर आवागमन दुश्वार एक तो ठंड तो दूसरी ओर बूंदाबांदी से सड़क पर फिसलन से आवागमन करना दुश्वार हो गया। शहर में कई जगह गंदे पानी का जलभराव होने से लोगों को और ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शहर में नहीं जले अलाव बीते साल भी इन्हीं दिनों कड़ाके की सर्दी शुरू हुई थी, शासन ने आम जनमानस को कड़ाके की सर्दी से बचाने के लिए करीब एक माह पूर्व ही प्रशासन को सजगता बरतने के निर्देश देते हुए धन प्रदान कर दिया था। इसके बावजूद कड़ाके की सर्दी होने पर भी शहर में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अलाव नहीं जलवाए गए। इससे आम जनमानस को रेलवे-बस स्टैंड तथा अन्य वाहन स्टैंडों पर कंपकपाते हुए देखा गया। सहालग भी हुई प्रभावित

बूंदाबांदी से सहालग भी प्रभावित हुई, पूर्णमासी होने से काफी संख्या में शादी समारोह आयोजित किए गए। मौसम का मिजाज बदलने से सहालग काफी प्रभावित हुई, खुले समारोह स्थल पर आयोजकों को अलाव जलवाने पड़े।

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