झमाझम बारिश से उमस भरी गर्मी से राहत, कई जगह हुआ जलभराव
जागरण संवाददाता हमीरपुर शुक्रवार सुबह से ही मौसम सुहाना नजर आया। काले बादलों ने आसम
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : शुक्रवार सुबह से ही मौसम सुहाना नजर आया। काले बादलों ने आसमान में अपना डेरा जमा लिया था। सुबह करीब नौ बजे से ही बारिश होना शुरू हो गई थी। जिसके बाद लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली। वहीं जगह-जगह जलभराव होने से लोगों ेको परेशानी का सामना करना पड़ा। 31 मिमी बारिश होने से गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को अधिकतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस कम रहा। वहीं खरीफ अभियान के लिए लाभकारी होने के चलते किसानों के चेहरे खिले नजर आए।
शुक्रवार का दिन लोगों के लिए राहत भरा रहा। लेकिन जलभराव की समस्या ने लोगों को परेशान कर दिया। काले बादलों ने जिस तरह से आसमान में अपना डेरा डाल रखा था। उससे लग रहा था कि जमकर बारिश होने वाली है और हुआ भी यही। शुक्रवार सुबह नौ बजे से बारिश होना शुरू हुई जो रुक-रुककर शाम तक होती रही। जिसके कारण सारा दिन लोगों को उमस भरी गर्मी का अहसास नहीं हुआ। मुख्यालय के दीक्षित तिराहे के पास एक पुराने पेड़ की डाल हवा की चपेट में आकर गिर गई। इसके अलावा मुख्यालय के कई मोहल्लों में भी जलभराव की स्थिति देखने को मिली। वहीं ग्रामीण इलाकों में झमाझम बारिश होने के कारण लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा। दिन भर में 31 मिमी बारिश दर्ज की गई। इंसानों के साथ पशु पक्षियों ने भी महसूस की राहत
बीते कई दिनों से पड़ रही उमस भरी गर्मी के कारण इंसानों के साथ साथ बेजुबान पशु पक्षी भी बेहाल थे। लेकिन शुक्रवार को हुई बारिश से उन्होंने भी राहत महसूस की और वह भी इस बारिश में भीगते नजर आए और गर्मी से निजात पाते दिखाई दिए।
बारिश के पानी से टापू बना टंकी परिसर
बिवार : दोपहर में अचानक मौसम बदल गया और देखते ही देखते बादल छा गए। कुछ देर बाद झमाझम बारिश शुरू हो गई। जो कि करीब दो घंटे तक होती रही। जिससे पूरा कस्बा पानी-पानी हो गया। कई मार्गों में भी जलभराव हो गया। टंकी परिसर में बनी कर्मियों के आवासों में भी पानी भर गया और परिसर में खड़े वाहन डूबने लगे। जिस कारण कर्मचारियों को काफी नुकसान भी हुआ है और आवागमन में परेशानी भी उठानी पड़ी। हमीरपुर मार्ग में की गई इंटरलाकिग धंस गई है। पशु अस्पताल जाने वाले रास्ते में कई जगह सड़क धंस गई है। जिस कारण आवागमन में लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।