शिशु को रोगों से लड़ने की ताकत देता है मां का दूध
जागरण संवाददाता हमीरपुर एक अगस्त से शुरू हुए विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत सोमवार को जिला
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : एक अगस्त से शुरू हुए विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत सोमवार को जिला महिला अस्पताल में प्रसूताओं को स्तनपान के महत्व से रूबरू कराया गया। इस मौके पर महिलाओं को फल भी बांटे गए। महिला अस्पताल पहुंचे सीएमओ ने प्रसूताओं को कई अहम जानकारियां देते हुए स्तनपान के बारे में जानकारी दी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.एके रावत ने बताया कि शिशु के लिए स्तनपान अमृत के समान होता है। यह शिशु का मौलिक अधिकार भी है। मां का दूध शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। यह शिशु को निमोनिया, डायरिया और कुपोषण के जोखिम से भी बचाता है। इसलिए बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला पीला गाढ़ा दूध अवश्य पिलाना चाहिए। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा.फौजिया अंजुम नोमानी ने बताया कि स्तनपान करने वाले शिशु को ऊपर से कोई भी पेय पदार्थ या आहार नहीं देना चाहिए। क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है। मां के दूध में शिशु के लिए पौष्टिक तत्वों के साथ पर्याप्त पानी भी होता है। इसलिए छह माह तक शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ भी न दें। यहां तक कि गर्मियों में पानी भी न पिलायें। ध्यान रहे कि रात में मां का दूध अधिक बनता है। इसलिए मां रात में अधिक से अधिक स्तनपान कराए। दूध का बहाव अधिक रखने के लिए जरूरी है कि मां चिता और तनाव से मुक्त रहे। इस मौके पर एसीएमओ डॉ.पीके सिंह, एनएचएम के डीपीएम सुरेंद्र साहू, डा.आशा सचान, डा.पूनम सचान, डा.नाजिस आदि मौजूद रहे।