धोखाधड़ी मामले में आरोपित स्वामी नित्यानंद की निगरानी खारिज

जागरण संवाददाता हमीरपुर सुमेरपुर स्थित ठडेश्वरी आश्रम के पूर्व प्रबंधक को न्यायालय से रा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 07:19 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 07:19 PM (IST)
धोखाधड़ी मामले में आरोपित स्वामी नित्यानंद की निगरानी खारिज
धोखाधड़ी मामले में आरोपित स्वामी नित्यानंद की निगरानी खारिज

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : सुमेरपुर स्थित ठडेश्वरी आश्रम के पूर्व प्रबंधक को न्यायालय से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। उसने धोखाधड़ी समेत अन्य मामलों में खुद के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र को गलत बता सीजेएम कोर्ट में अर्जी डाली थी। वहां से अर्जी खारिज होने पर जिला जज की कोर्ट में निगरानी दाखिल की, लेकिन उसे झटका लगा है।

कन्नौज निवासी प्रकाशानंद वर्ष 1999 में अखंड परम धाम संस्था के संरक्षक व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी परमानंद के संपर्क में आया था। उन्होंने उसका सेवा भाव देखते हुए संस्था का सचिव बना दिया था। इसके बाद उसने फतेहपुर के चांदपुर थानांतर्गत मवई धाम की संपत्ति 2017 और ठडेश्वरी आश्रम की कुछ संपत्ति व छह दुकानें 2019 में बेच डाली थीं। इसी मामले में 2019 में स्वामी नित्यानंद के खिलाफ सुमेरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। वर्तमान में अखंड परम धाम संस्था के सचिव स्वामी सत्यप्रकाश के अधिवक्ता निषेंद्र सिंह ने बताया कि दर्ज मुकदमे के आधार पर पुलिस ने अदालत में उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इस पर आरोपित ने उच्च न्यायालय में चार्ज न बनने को लेकर आवेदन किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर मामले को ट्रायल कोर्ट मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीजेएम के समक्ष जाने के आदेश दिए थे। इस पर आरोपित ने वहां चार्ज न बनने का प्रार्थना पत्र दिया, जिसे सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके खिलाफ आरोपित ने जिला जज कोर्ट में निगरानी दायर की थी। जिला जज ने सुनवाई के लिए उसे एडीजे कोर्ट संख्या तीन स्थानांतरित कर दिया। शुक्रवार को उसकी सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर तीन एके राय ने निगरानी खारिज कर निचली आदलत के आदेश को सही बताया है।

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क्या होती है निगरानी

निचली अदालत के किसी आदेश के खिलाफ उससे ऊपर के न्यायालय में पुनर्विचार के लिए दाखिल की जाने वाली अर्जी को पुनरीक्षण (निगरानी) कहा जाता है।

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