प्रवासियों को नहीं मिल रहे वाहन, बस स्टैंड में काट रहे रातें

जागरण संवाददाता हमीरपुर कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक बा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 04:41 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 04:41 PM (IST)
प्रवासियों को नहीं मिल रहे वाहन, बस स्टैंड में काट रहे रातें
प्रवासियों को नहीं मिल रहे वाहन, बस स्टैंड में काट रहे रातें

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से सात दिन का लॉकडाउन लगा दिया है। इसके अलावा लॉकडाउन की खबर से अहमदाबाद, सूरत, मुंबई व गुजरात के प्रवासी मजदूरों ने भी पलायन शुरू कर दिया है। प्राइवेट बसों के सहारे आने वाले इन मजदूरों को रात में वाहन न मिलने के कारण मुख्यालय के रोडवेज बस स्टैंड में रातें काटनी पड़ रही हैं। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं निगरानी समितियों के सक्रिय न होने से बिना चेकअप के यह मजदूर अपने घरों को जा रहे हैं।

बुधवार की रात मुख्यालय के रोडवेज बस स्टैंड परिसर समेत अन्य स्थानों का भ्रमण कर प्रवासी मजदूरों की स्थिति का जायजा लिया। जिसमें कई प्रवासी मजदूर मुख्यालय के रोडवेज बस स्टैंड परिसर में अपने बोरिया बिस्तर के साथ बैठे नजर आए। प्रवासी मजदूरों ने बताया कि पिछले कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए लॉकडाउन में उन्हें पैदल घरों तक जाना पड़ा था। इस बार भी यही हालात बनते दिखाई दे रहे हैं। जिसके कारण वह पहले से ही अपने घरों को पलायन कर रहे हैं। ताकि लाकडाउन लग जाए तो उन्हें पैदल न चलना पड़े। लेकिन उन्हें रात में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों के न मिलने से उन्हें रोडवेज बस स्टैंड में रातें काटनी पड़ रही हैं।

बांदा के बिलगांव गांव निवासी प्रवासी मजदूर दीपक, बृजेश व दलजीत ने बताया कि वह लोग गुजरात में रहकर काम करते हैं। लेकिन लाकडाउन के डर से उन्हें वापस आना पड़ा। बसें न मिलने के कारण वह बस स्टैंड में रातें काटने को मजबूर हैं। वहीं बांदा के पथनई गांव निवासी भोला, सूरज ने बताया कि वह भी सूरत से आए हैं। लेकिन बसें न मिलने के कारण उन्हें बस स्टैंड में रात गुजारनी पड़ रही है।

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