113482 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोई जाएंगी खरीफ की फसल

जागरण संवाददाता हमीरपुर इस वर्ष शासन ने खरीफ अभियान में बोआई के लिए 113482 हेक्टेयर क्ष्

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:34 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:34 PM (IST)
113482 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोई जाएंगी खरीफ की फसल
113482 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोई जाएंगी खरीफ की फसल

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : इस वर्ष शासन ने खरीफ अभियान में बोआई के लिए 113482 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आच्छादन का लक्ष्य दिया है। जिसमें सबसे अधिक 43168 हेक्टेयर में तिल के उत्पादन को शामिल किया गया है। जिसे लेकर कृषि विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। ताकि मौजूदा में हो रही बारिश के बाद किसान अधिक से अधिक खरीफ फसलों का आच्छादन कर सके।

इस वर्ष समय से शुरू हुई बारिश के चलते खरीफ अभियान में आच्छादन की उम्मीद जताई जा रही है। किसान मौजूदा में हो रही बारिश के बाद मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे है। वहीं कृषि विभाग ने भी खाद, बीज समेत अन्य कीटनाशी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को तैयारियां तेज कर दी है।

जिला कृषि अधिकारी डा. सरस तिवारी ने बताया कि इस वर्ष शासन ने खरीफ फसलों के आच्छादन को 113482 हेक्टेयर क्षेत्रफल का लक्ष्य दिया है। जिसमें धान नर्सरी के लिए तीन हैक्टेयर, धान को 4600 हेक्टेयर, मक्का को 17, ज्वार को 20221, बाजरा को 284, उर्द को 21470, मूंग को 3922, अरहर को 18929, तिल को 43168, मूंगफली को 657 व सोयाबीन को 208 हेक्टेयर का लक्ष्य शामिल किया गया है। बताया कि धान की नर्सरी तैयार करने का 67 फीसदी काम हो चुका है। इसके अलावा अन्य फसलों का भी आच्छादन शुरू हो गया है। कहा कि बारिश के बाद मौसम साफ होते ही खरीफ फसलों के बोआई कार्य में तेजी आ जाएगी। बताया कि इसके लिए बीज मंगवा लिए गए है। साथ सभी खाद बिक्री केंद्रों में उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने किसानों को अच्छे उत्पादन के लिए बोआई से पूर्व भूमि शोधन व बीज शोधन की सलाह दी है।

कम उर्वराशक्ति वाली जमीन में होता है उत्पादन

जिला कृषि अधिकारी डा. सरस तिवारी ने बताया कि तिल समेत अन्य तिलहन की फसलें कम उर्वराशक्ति वाले खेतों में हो जाती है। साथ ही समुचित सिचाई के साधन न होने वाली जमीन में इसकी बोआई की जाती है। इसके अलावा यह कीट रोगों के प्रति संवेदनशील होती है।

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