एक्सप्रेस-वे को कृषि भूमि छीनने पर किसानों ने मांगी इच्छामृत्यु
मांगी एक्सप्रेस-वे को कृषि भूमि छीनने पर किसानों ने
संवाद सहयोगी, राठ : बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य बीच में पड़ने वाले जखेड़ी गांव के कुछ किसानों ने जबरियां कृषि भूमि छीनने पर रोक दिया है। किसानों ने पुस्तैनी जमीन छीनने पर इच्छामृत्यु की अनुमति शासन से मांग न्याय की गुहार लगाई है।
मामला तहसील क्षेत्र के जखेड़ी गांव के पास से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे का है। जखेड़ी गांव के किसान बबलू, शिवचरन, चंदू, श्रीचंद, लालदास, धर्मपाल, रामकुमार, राहुल, छबिलाल ने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर बताया कि वह जमीन पर फसल बोए हुए हैं। शासन द्वारा एक्सप्रेस-वे को इस भूमि को वन विभाग की भूमि मानकर उनकी जमीन बिना मुआवजा दिए अधिगृहीत किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि वह प्रथम श्रेणी के भूमिधर है और उनकी भूमि खसरा पर सिचित दर्ज है। जिस पर उनके पूर्वज कृषि करते रहे और अब वर्तमान में वह कर रहे हैं। खेती से उनके परिवार की जीविका चल रही है। किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया कि 22 जनवरी को एसडीएम, तहसीलदार और कानूनगो की टीम ने जेसीबी मशीन के साथ उनके खेतों पर पहुंचे। साथ ही उनके खेत में खड़ी फसल उजाड़ दी गई। बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट में रिट संख्या दायर की है। जिसमें किसानों के पक्ष में आदेश हुआ है, लेकिन उसका भी अनुपालन नहीं किया जा रहा है। किसानों ने जमीन छीनी जाने को लेकर सरकार से इच्छामृत्यु की मांग की है। इस संबंध में एसडीएम अशोक कुमार यादव का कहना था कि जिस जमीन को किसान अपना बता रहे हैं वह जमीन वन विभाग की है। बताया कि वह किसानों को जमीन छोड़ने के लिए समझाने गए थे और मदद का आश्वासन दिया था।