पिताजी ने ईमानदारी का पाठ पढ़ाया

खड़ेही लोधन मेरे पिता गयादीन राजपूत ने हमेशा बिना किसी भेदभाव से अपने जीवन काल में काम कि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 07:01 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 07:01 PM (IST)
पिताजी ने ईमानदारी का पाठ पढ़ाया
पिताजी ने ईमानदारी का पाठ पढ़ाया

खड़ेही लोधन : मेरे पिता गयादीन राजपूत ने हमेशा बिना किसी भेदभाव से अपने जीवन काल में काम किया है। हमेशा समाज के लोगों की सेवा करते रहे। हमेशा मुझे भी यही कहा करते थे कि माता पिता की सच्ची सेवा करने से व्यक्ति को सच्चा फल मिलता है। जो व्यक्ति अपने माता पिता की सच्ची सेवा करता है। उनके शरीर त्यागने के बाद पितृ पक्ष के पर्व में श्रद्धांजलि देते हैं व उनकी श्राद्ध करते हैं। उनके ऊपर पितरों का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। अपने पूर्वजों की इस सेवा करने से पीढि़यों पर आने वाले संकट टलते रहते हैं। उन्हीं की सेवा और दी गई सीख आज हमेशा काम आती है। उन्होंने मुझे कड़ी मेहनत और ईमानदारी का पाठ पढ़ाया। यह उनके आशीर्वाद का ही फल है कि मैं प्रधानाचार्य हूं।

- बलराम सिंह राजपूत, प्रधानाचार्य, गोविद विद्यालय इंटर कालेज, गहरौली

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