बुंदेलखंड रक्तदान समिति बनीं संजीवनी, 445 दिनों में 700 लोगों को दी जिदगी
अनुराग मिश्रा हमीरपुर बीते वर्ष कोरोना काल में जब सबकुछ बंद था तो ऐसे में एनीमिया के ि
अनुराग मिश्रा, हमीरपुर :
बीते वर्ष कोरोना काल में जब सबकुछ बंद था तो ऐसे में एनीमिया के शिकार लोगों को खून भी नहीं मिल रहा था। ऐसे में जिले के युवाओं ने लोगों को खून मुहैया कराने के लिए बुंदेलखंड रक्तदान समिति का गठन किया और बीते 25 मार्च से लगातार खून की कमी से जूझने वालों की मदद करना शुरू कर दिया। टीम ने कुल 445 दिनों में सात सौ लोगों को खून देकर उनकी जिदगी बचाने का काम किया। समिति लोगों के संजीवनी साबित हो रही है।
नगर पालिका चेयरमैन कुलदीप निषाद के छोटे भाई समाजसेवी अशोक निषाद ने इस टीम का गठन करके अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ा और एक वाट्सएप ग्रुप भी तैयार किया। ग्रुप में जैसे ही जरूरतमंद को खून देने के लिए मैसेज पहुंचता है तो कोई न कोई युवा आगे आकर उस जरूरतमंद को खून देकर उसकी जिदगी बचाने का काम करता है।
समिति में शामिल महिलाएं
भी करती हैं रक्तदान
इस समिति में कई महिलाएं व युवतियां भी शामिल हैं। जो जरूरतमंदों के लिए रक्तदान करती हैं। समिति मे शामिल गरिमा, अर्चना, गोल्डी, प्रतीक्षा, हर्षिता, प्रांशी, मुन्नी, सीमा, विनीता व सुचित्रा ने आगे आकर स्वैच्छिक रक्तदान किया और लोगों की जान बचाई।
जन्मदिन और शादी की वर्षगांठ
में भी होता है रक्तदान
समिति में शामिल पदाधिकारी व सदस्य अपनी शादी की सालगिरह या फिर जन्मदिन को खास बनाने के लिए जिला अस्पताल पहुंचकर जरूरतमंद को खून देकर इसे यादगार बनाते हैं और दूसरों की मुस्कान लौटाने का भी काम करते हैं।
सबसे अधिक बार रक्तदान
करने वाले लोग
वैसे तो हर एक युवा ने रक्तदान कर जरूरतमंद की समस्या को हल किया है। लेकिन कोतवाली के एसआइ आनंद साहू ने 33 बार, सिद्धार्थ सिंह ने 28, आशीष सिंह ने 27, अशोक निषाद ने 20 व रोहित राजावत ने 11 बार अलग अलग स्थानों में रक्तदान कर लोगों की जिदगी बचाई है। इसके अलावा कई ऐसे भी लोग हैं जो बाहर से आकर कई बार रक्तदान कर चुके हैं और जिले की भी टीम जिले से बाहर जाकर लोगों को खून देने का काम करती है।