नगर पंचायत सरीला में हुए घोटाले के तीन आरोपितों की जमानत खारिज

ला में हुए घोटाले के तीन आरोपितों की जमानत खारिजला में हुए घोटाले के तीन आरोपितों की जमान

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 06:34 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 06:34 PM (IST)
नगर पंचायत सरीला में हुए घोटाले के तीन आरोपितों की जमानत खारिज
नगर पंचायत सरीला में हुए घोटाले के तीन आरोपितों की जमानत खारिज

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : नगर पंचायत सरीला में वर्ष 2012 से 2017 तक कार्यकाल में हुए घोटाले के तीन आरोपितों की अग्रिम जमानत अदालत ने खारिज कर दी है। मौजूदा नगर पंचायत अध्यक्ष ने शासन की ओर से कराई गई जांच के बाद वहां तैनात लिपिक पिता पुत्र व एक ठेकेदार के खिलाफ फर्जीवाड़ा कर धोखाधड़ी से सरकारी धन के गबन का मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं आरोपितों द्वारा अदालत में अग्रिम जमानत को प्रार्थना पत्र दिया गया था।

वादी मौजूदा नगर पंचायत अध्यक्ष सरीला शैफाली सिंह के अधिवक्ता निषेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2012 से 1017 तक के कार्यकाल में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष चौधरी दयाराम श्रीवास, लिपिक पिता-पुत्र गंगा प्रसाद व राघवेंद्र पर सरकारी धन की हेराफेरी का आरोप लगा। जिसकी शासन स्तर से जांच कराई गई। जिसके बाद शासन से प्राप्त 28 पेज की जांच आख्या में जालसाजी स्पष्ट हुई। जिस पर शासन ने मौजूदा नगर पंचायत अध्यक्ष शैफाली सिंह को पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष व ईओ को छोड़ अन्य पर अपने स्तर से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। जिस पर शैफाली सिंह ने लिपिक पिता-पुत्र के अलावा वहां के ठेकेदार महेंद्र सिंह राजपूत के खिलाफ 25 जून 2021 को जरिया थाने में फर्जीवाड़ा व धोखाधड़ी कर सरकारी धन का गबन करने का मुकदमा दर्ज कराया। जिस पर उक्त आरोपित गंगा प्रसाद, राघवेंद्र व महेंद्र द्वारा अग्रिम जमानत को प्रार्थना पत्र अदालत में डाले गए। जिन्हें अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक जी प्रसाद ने खारिज कर दिया।

यह था मामला

पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष व वहां तैनात लिपिक पिता-पुत्र पर फर्जी बिलों से सरकारी धन की हेराफेरी का आरोप लगा था। जिसमें बैंक स्टेटमेंट के अनुसार खर्च की गई करीब 18-19 करोड़ रुपये की धनराशि की पत्रावलियां प्राप्त न होना, 89 लाख रुपये लिपिक राघवेंद्र द्वारा स्वयं के नाम चेक काटकर निकालने की बात सामने आई। वहीं ठेकेदार के नाम सबसे अधिक धनराशि आहरित होना पाया गया। जिसकी जांच शासन स्तर पर शिकायत कर करवाई गई। जिसमें जालसाजी की बात सामने आई।

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