गबन के आरोपित बैंक कर्मी की जमानत अर्जी खारिज
जागरण संवाददाता हमीरपुर मुख्यालय स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा में अनाधिकृत रूप से 38 लाख रु
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : मुख्यालय स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा में अनाधिकृत रूप से 38 लाख रुपये निकाल गबन के आरोपित सहायक प्रबंधक का जमानत प्रार्थना पत्र जनपद न्यायाधीश ने निरस्त कर दिया। उन्होंने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के बाद आदेश जारी किया। आरोपित मई माह से जेल में निरुद्ध हैं।
मोहम्मद आमिर खां पुत्र जुनैद निवासी नुरुल्लाह रोड हाजीनगर इलाहाबाद हाल मुकाम खालेपुरा हमीरपुर पंजाब नेशनल बैंक की स्थानीय शाखा में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्य करता था। जिस पर बैंक प्रणाली व नियम विरुद्ध जाकर अपने ओवर ड्राफ्ट खाता में तय सीमा सात लाख रुपये से अतिरिक्त 38 लाख रुपये अलग-अलग तिथियों में निकालने का आरोप लगाया गया है।
जानकारी होने पर बैंक प्रबंधक नागेंद्र सिंह ने 29 मई को कोतवाली में गबन की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने आमिर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और फ्राड कर गबन का आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश शुक्ला ने बताया कि आमिर का तीसरी जमानत अर्जी जनपद न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसमें आरोपित के अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि आमिर द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया। बैंक सहकर्मी राघव जैन, अतिन सचान व प्रबंधक नागेंद्र सिंह की मिली भगत से उसे फंसाया गया। कहा कि दर्शाए गए 38 लाख रुपये की निकासी उसकी आइडी से नहीं की गई। तीनों लोगों की आइडी से धनराशि उसके खाते में गई। अधिवक्ता ने आरोपित को जमानत दिए जाने की मांग की। वहीं शासकीय अधिवक्ता ने अपना पक्ष रख इसका विरोध करते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त करने की मांग की। जिस पर जनपद न्यायाधीश विकार अहमद अंसारी ने अभियुक्त के कारागार में निरुद्ध होने की अवधि के आधार पर ऐसे गंभीर प्रकृति के मामले मामले में जमानत न्यायोचित नहीं मानी। साथ ही उन्होंने जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त करने का आदेश किया।