एंबुलेंस कर्मियों ने शुरू की हड़ताल, भटकते रहे लोग
केस - 1 निजी वाहनों का लिया सहारा निजी वाहन से घर लौट रही कुरारा क्षेत्र के पारा कं
केस - 1
निजी वाहनों का लिया सहारा
निजी वाहन से घर लौट रही कुरारा क्षेत्र के पारा कंडौर निवासी लीलावती ने बताया कि 24 जुलाई की शाम बहू के जिला महिला अस्पताल में बेटा हुआ था। आज उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। गांव की आशा ने बताया कि एंबुलेंस की हड़ताल है कोई साधन की व्यवस्था करनी पड़ेगी। तो प्राइवेट वैन किराये में की है।
केस - 2
अस्पताल पहुंचने में हुई परेशानी
सिलौली गांव निवासी रामहेत ने बताया कि सोमवार सुबह काम करने के दौरान उसकी पत्नी प्रेमा गिरकर घायल हो गई। जिसे अस्पताल ले जाने के लिए वह एंबुलेंस का फोन करते रहे लेकिन कोई नहीं आया। जिस पर गांव से निजी वाहन करके मौदहा अस्पताल उसे लेकर पहुंचे। जहां से सदर अस्पताल रेफर करने पर एंबुलेंस न मिलने से परेशानी हुई। ---
जागरण टीम, हमीरपुर : पांच सूत्रीय मागों को लेकर एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर जाने से लोगों को दिनभर परेशानी उठानी पड़ी। सर्वाधिक परेशानी अस्पताल में भर्ती गर्भवती और प्रसूता महिलाओं को हुई। दिन भर एंबुलेंस कर्मियों के पास लोगों के फोन आते रहे। लोगों को मजबूरन निजी साधनों से अस्पताल आना पड़ा और रेफर होने के बाद कानपुर व अन्य स्थानों को जाना पड़ा। एंबुलेंस कर्मियों का आरोप है कि सरकार व कंपनी उनका उत्पीड़न कर रही है। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी। उनका आंदोलन जारी रहेगा।
हड़ताल के चलते जिले की सभी एंबुलेंस सुमेरपुर कस्बे के गायत्री तपोभूमि परिसर में खड़ा कर दिया गया। बड़े हादसों को देखते हुए सीएमओ के आदेश पर जिले में चार एंबुलेंस इमरजेंसी सेवा के लिए छोड़ रखी हैं।
रोजाना करीब 100 मरीज लाती है एंबुलेंस
एंबुलेंस कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष महेश कुमार, उपाध्यक्ष सरताज आलम समेत चालक अनूप सिंह, शैलेंद्र कुमार, संतोष सिंह, फूलचंद, हरिओम सचान, रामरहीम, सनवीर यादव, अमरजीत, रावेंद्र, विनयपाल, गगन सिंह, अजीत कुमार गुप्ता, अजय कुमार ने बताया कि उनके संगठन जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडे ने 21 जुलाई को सरकार को पत्र सौंपकर पांच सूत्री मांगें पूरी की जाने की मांग रखी थी। लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगे नहीं पूरी करती तो उनकी हड़ताल जारी रहेगी। बताया कि प्रतिदिन पूरे जनपद में करीब सौ मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जाता है।
इमरजेंसी के लिए चार प्राइवेट एंबुलेंस लगाई गई। ताकि किसी गंभीर मरीज को जिला अस्पताल से बाहर भेजने में कोई समस्या न हो। वहीं क्षेत्र में किसी दुर्घटना में घायलों की सूचना मिलने पर उन्हें जिला अस्पताल लाया जा सके।
- डा. एके रावत, सीएमओ