कृषि बिलों का होने लगा असर, मंडी का राजस्व 50 फीसद घटा

संस भरुआ सुमेरपुर केंद्र सरकार के कृषि बिलों का असर गल्ला मंडियो के राजस्व में पड़ने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 07:36 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:36 PM (IST)
कृषि बिलों का होने लगा असर, मंडी का राजस्व 50 फीसद घटा
कृषि बिलों का होने लगा असर, मंडी का राजस्व 50 फीसद घटा

संस, भरुआ सुमेरपुर : केंद्र सरकार के कृषि बिलों का असर गल्ला मंडियो के राजस्व में पड़ने लगा है। बाहर होने वाली खरीद-फरोख्त नियंत्रण से बाहर होने के कारण राजस्व में भारी गिरावट आई है। इसका सीधा असर मंडी के अंदर होने वाली खरीद-फरोख्त पर पड़ा है और पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष राजस्व आधा रह गया है।

केंद्र सरकार के कृषि बिलों का सीधा असर मंडियों के कामकाज पर दिखने लगा है। पूर्व में व्यवस्था थी कि मंडी के बाहर जो भी खरीद फरोख्त होगी उसमें भी मंडी शुल्क देय होगा। लेकिन अब ऐसा नहीं है। बाहर होने वाली खरीद-फरोख्त में किसी तरह का मंडी शुल्क देय नहीं होगा और मंडी कर्मी इस खरीद-फरोख्त में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। इस वजह से बाहर बिकने वाले जिसों मसलन गुड़, चावल, सब्जी, लकड़ी आदि मे मंडी का नियंत्रण खत्म हो गया है। पिछले वर्ष तक मंडी शुल्क दो प्रतिशत था। अब यह एक प्रतिशत कर दिया गया है। इस वजह से मंडी के राजस्व मे पिछले वर्ष की तुलना में 50 फीसदी राजस्व की कमी दर्ज हुई है। मंडी सचिव ब्रजेश कुमार निगम ने बताया कि जुलाई 2020 में 36 लाख 93 हजार 96 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था। जुलाई माह तक कुल राजस्व दो करोड़ 29 लाख 11 हजार 877 रुपये प्राप्त हुआ था। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जुलाई माह में 26 लाख 61 हजार 417 रुपये प्राप्त है। जबकि अब तक कुल राजस्व 1 करोड़ 6 लाख 78 हजार 519 रुपये प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि तमाम व्यापारी मंडी शुल्क की अदायगी से बचने के लिए मंडी के बाहर खरीद फरोख्त करने लगे हैं। तिलहन एवं दलहन की ज्यादातर खरीद अब बाहर होने लगी है। मंडी सचिव ने बताया कि अभी वेतन आदि के भुगतान की स्थिति ठीक है। सभी कर्मियों के वेतन का भुगतान प्रतिमाह हो रहा है।

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