Coronaviras: दूसरी वैक्सीन का भी गोरखपुर में होगा ट्रायल, वालंटियरों से मांगे गए आवेदन Gorakhpur News

गोरखपुर में कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल होगा। इसके लिए वालंटियरों के नाम मांगे गए हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 10:48 AM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 08:49 AM (IST)
Coronaviras: दूसरी वैक्सीन का भी गोरखपुर में होगा ट्रायल, वालंटियरों से मांगे गए आवेदन Gorakhpur News
Coronaviras: दूसरी वैक्सीन का भी गोरखपुर में होगा ट्रायल, वालंटियरों से मांगे गए आवेदन Gorakhpur News

गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। भारत बायोटेक के वैक्सीन पर ट्रायल शुरू कर चुके गोरखपुर के राणा हाॅस्पिटल को अब फार्मा कंपनी जायडस कैडिला की वैक्सीन (जेडवाईसीओ- डी) के ट्रायल की भी जिम्मेदारी मिल गई है। वैक्सीन एक सप्ताह के अंदर आने वाली है। ट्रायल में सहभागी होने वाले वालंटियरों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं।

जायडस कोविड-19 वैक्सीन के इंसानी ट्रायल के लिए मंजूरी पाने वाली दूसरी भारतीय फार्मा कंपनी है। पहली कंपनी भारत बायोटेक है, जिसकी वैक्सीन (सीओ वैक्सीन) के ट्रायल की जिम्मेदारी भी राणा हास्पिटल को मिली है। इस वैक्सीन का ट्रायल 31 जुलाई को शुरू भी हो चुका है। 08 वालंटियरों को पहली डोज लगाई गई है। दूसरी डोज 15 दिन बाद लगाई जाएगी। जिन्हें पहली डोज लगी है, वे पूरी तरह स्वस्थ हैं और दूसरी डाेज का इंतजार कर रहे हैं।

वेबसाइट पर उपलब्ध है वालंटियर फार्म

वैक्सीन के ट्रायल के लिए 50 से अधिक वालंटियरों की जरूरत है। लगभग 18 वालंटियर अस्पताल को मिल चुके हैं। अस्पताल ने अपनी वेबसाइट पर वालंटियरों के लिए फार्म उपलब्ध करा दिया है। कोई भी व्यक्ति इस फार्म को भरकर वैक्सीन ट्रायल के इस पुनीत कार्य में अपनी भागीदारी निभा सकता है। फार्म भरना बहुत आसान है, केवल नाम, उम्र, लिंग, फोन नंबर व ई-मेल भरकर सम्मिट करना होगा।

भारत बायोटेक की वैक्सीन का ट्रायल हो चुका है। नई कंपनी की वैक्सीन भी जल्द ही आने वाली है। इसके लिए वालंटियर चाहिए। वेबसाइट पर फार्म उपलब्ध करा दिया गया है। उम्मीद है इस शहर से हमें पर्याप्त वालंटियर मिल जाएंगे जो इस पुनीत कार्य में सहयोगी बनेंगे। -डॉ. सोना घोष, निदेशक, राणा हास्पिटल

होम आइसोलेट मरीजों की दोबारा नहीं होगी कोरोना जांच

होम आइसोलेट कोरोना मरीजों की 10 दिन की अवधि पूरी होने व अंतिम तीन दिनों तक लक्षण नजर न आने पर दोबारा कोरोना जांच नहीं होगी। हालांकि उन्हें सात दिन और घर पर ही रहना होगा। इसके बाद स्वास्थ्य संबंधी स्क्रीनिंग प्रक्रिया पूरी करके उन्हें कोरोना मुक्त घोषित कर दिया जाएगा। यदि इस दौरान बुखार या अन्य कोई लक्षण नजर आते हैं तो चिकित्सक उनकी लगातार मानीटरिंग करेंगे। जब तक वे अंतिम तीन दिन बिना लक्षण के नहीं हो जाते, उनकी निगरानी होती रहेगी। ऐसे मरीजों की आइसोलेशन अवधि बढ़ जाएगी। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने शासन स्तर से लक्षणरहित कोरोना उपचाराधीन मरीजों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। होम आइसोलेशन के दौरान अगर उपचाराधीन मरीज को सांस लेने में कठिनाई, शरीर में आक्सीजन की कमी, सीने में लगातार दर्द या भारीपन हो, मानसिक भ्रम की स्थिति अथवा सचेत होने में असमर्थता, बोलने में समस्या, चेहरे या किसी अंग में कमजोरी, होठों या चेहरे पर नीलापन जैसे लक्षण दिखते हैं तो देखभाल करने वाला व्यक्ति तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करेगा, उसकी फौरी मदद की जाएगी। ऐसे मरीजों की स्वास्थ्य अधिकारी क्षेत्रीय स्वास्थ्य कर्मियों, सर्विलांस टीम, कोविड कंमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से निगरानी करेंगे। उनके शरीर का तापमान, पल्स रेट तथा आक्सीजन की मात्रा को रिकॉर्ड किया जाएगा। होम आइसोलेशन के नियमों का उल्लंघन करने या आवश्यकता पड़ने पर रोगी को अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है।

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