चिड़ियाघर के जानवरों के लिए प्रतिदिन लगेगा इतना कुंतल मांस, खोलना पड़ेगा स्लाटर हाउस Gorakhpur News
गोरखपुर चिड़ियाघर के मांसाहारी जानवरों के लिए रोज करीब 200 कुंतल मांस की आवश्यकता होगी! जिले में एक भी स्लाटर हाउस न होने से इतने मांस की व्यवस्था भी कठिन हो गई है। मांस की आपूर्ति की रूपरेखा तैयार करने को लेकर प्रशासनिक अधिकारी मंथन कर रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। शहीद अशफाकउल्लाह खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में आने वाले जानवरों के भोजन की व्यवस्था भी किसी चुनौती से कम नहीं है। मांसाहारी जानवरों के लिए रोज करीब 200 कुंतल मांस की आवश्यकता होगी लेकिन जिले में एक भी स्लाटर हाउस न होने से इतने मांस की व्यवस्था भी कठिन हो गई है। जानवरों के आने से पहले ही मांस की आपूर्ति की रूपरेखा तैयार करने को लेकर प्रशासनिक अधिकारी मंथन कर रहे हैं। इसके लिए स्लाटर हाउस को लाइसेंस जारी हो सकता है।
गोरखपुर चिड़ियाघर में 150 से अधिक जानवर आएंगे। अलग-अलग शहरों से इन जानवरों को लाया जा रहा है। चिड़ियाघर का काम लगभग पूरा हो चुका है, अब जानवरों के आने का इंतजार है। ऐसे में मांसाहारी जानवरों के लिए मांस की आपूर्ति की व्यवस्था करने के लिए जिला प्रशासन से सहयोग मांगा गया है। जिलाधिकारी की ओर से इस संबंध में खाद्य अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं। गोरखपुर में वर्तमान में एक भी स्लाटर हाउस संचालित न होने के कारण मांस की व्यवस्था करना आसान नहीं है। शेर के लिए ताजा मांस की जरूरत पड़ती है।
इसलिए खोलना पड़ेगा स्लाटर हाउस
आसपास के जिलों में भी कोई स्लाटर हाउस न होने के कारण मांस की आपूर्ति की कोई राह नजर नहीं आ रही थी। ऐसे में जिले में स्लाटर हाउस के लिए किसी को लाइसेंस दिया जा सकता है। दो लोगों की ओर से स्लाटर हाउस खोलने की इच्छा जताई गई है, निर्धारित मानकों के अनुसार उनमें से किसी को लाइसेंस दिया जा सकता है। स्लाटर हाउस खुलने के बाद मांस के आपूर्ति की समस्या समाप्त हो जाएगी।
कहां से आएंगे कितने जानवर
गोरखपुर की चिडि़याघर में लखनऊ से 35, कानपुर से 50, दिल्ली से 19, दार्जिंलिंग से दो, मैसूर से दो, जूनागढ़ से तीन और अन्य जगहों से 37 जानवरों के आने की संभावना है।