सिद्धार्थनगर में उल्टी-दस्त से युवक की मौत, अब तक चार लोग गंवा चुके जान
सिद्धार्थनगर में उल्टी व दस्त का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसकी शुरूआत सिसहनिया व सरोजनीनगर से हुई थी। अब यह धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। शहर में साफ-सफाई की कमी और स्वच्छ पेयजल की कमी इस रोग के फैलने का अहम कारण माना जा रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : सिद्धार्थनगर में उल्टी व दस्त का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसकी शुरूआत सिसहनिया व सरोजनीनगर से हुई थी। अब यह धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। शहर में साफ-सफाई की कमी और स्वच्छ पेयजल की कमी इस रोग के फैलने का अहम कारण माना जा रहा है। बुधवार देर रात हनुमानगढ़ी के पास रहने वाले 25 वर्षीय कपिल विश्वकर्मा ने दम तोड़ दिया। इसके पूर्व तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
21 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया सोमवार को
उल्टी दस्त से पीड़ित 21 लोगों को सोमवार को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था। 38 की हालत गंभीर होने पर अस्पताल में दाखिल कराया गया था। सरोजनी नगर के पांच वर्षीय सत्यम पुत्र लक्ष्मण तो मंगलवार को सुधा पत्नी मुरली की जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। बुधवार की शाम तीसरे दिन सात वर्षीय इसहाक पुत्र रूआब अली ने दम तोड़ दिया। वहीं देर रात में जिला अस्पताल से इलाज कराकर लौटे कपिल की मौत हो गई। सीएमएस डा. नीना वर्मा ने बताया उल्टी-दस्त से पीड़ित लोग लगातार अस्पताल पहुंच रहे हैं। अब तक 78 लोग भर्ती हो चुके हैं।
वर्तमान में चल रहा 73 पीड़ितों का इलाज
वर्तमान समय में 73 पीड़ितों का इलाज चल रहा है। सरोजनी नगर के सभासद गिरजापति ने बताया कि मोहल्ला निवासी जितेंद्र, खुशबू को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने बताया कि विभाग की टीम लगाई गई है। पीड़ितों के घर जाकर दवा उपलब्ध करा रहे हैं। गंभीर स्थित वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील किया है कि उबले पानी का प्रयोग करें।
छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य के प्रति किया जागरूक
सेमरी खानकोट स्थित फातिमा इंटर कालेज में आयोजित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया। छात्रों के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित हुई, जिसमें तीन प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सीएचसी अधीक्षक डा. बीके वैद्य ने किया। उन्होंने कहा कि 19 वर्ष तक के किशोर-किशोरियों को जागरूक करना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। किशोर सुरक्षा योजना के अंतर्गत लिंग, हिंसा, तंबाकू एवं अन्य मादक पदार्थों का सेवन और उनके उनके दुष्परिणामों के बारे में बताया।