एक क्लिक पर जान सकेंगे 1944 सड़कों का इतिहास
प्रशासन ने एक अभिनव प्रयोग किया है। एक क्लिक पर जिले की सभी सड़कों का इतिहास मिल जाएगा। इसे रोड डायरेक्ट्री नाम दिया गया है। प्रदेश में यह पहला जिला होगा जिसके सभी सड़कों का इतिहास इंटरनेट मीडिया पर मिलेगा। गूगल पर सिद्धार्थनगर क्लिक करने के बाद रोड डायरेक्ट्री का आप्शन आएगा।
सिद्धार्थनगर : प्रशासन ने एक अभिनव प्रयोग किया है। एक क्लिक पर जिले की सभी सड़कों का इतिहास मिल जाएगा। इसे रोड डायरेक्ट्री नाम दिया गया है। प्रदेश में यह पहला जिला होगा, जिसके सभी सड़कों का इतिहास इंटरनेट मीडिया पर मिलेगा। गूगल पर सिद्धार्थनगर क्लिक करने के बाद रोड डायरेक्ट्री का आप्शन आएगा। सड़क के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए उससे संबंधित सूचना डालनी होगी। सड़क की कितनी लंबाई है। किस कार्यदायी संस्था ने इसे बनवाया है। कितने लागत व कब बनी थी और कब-कब इसकी मरम्मत की गई। कहां तक जाती है और किस सड़क से मिलती है, यह सभी जानकारी मिल जाएगी। गांधी जयंती पर यह सुविधा सार्वजनिक होगी। जनपद में 11 विभागों की 1944 सड़कों के संबंध में जानकारी अपलोड की गई है।
एक जनपद में पांच श्रेणी की सड़कें होती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजमार्ग का निर्माण शासन स्तर से किया जाता है। इसके अलावा ओडीआर (गैर जनपद मार्ग), एमडीआर (मध्यम दूरी मार्ग) व ग्राम संपर्क मार्ग होते हैं। इन तीन मार्ग का निर्माण जनपद में कार्यरत निर्माण इकाई करती है। पीडब्ल्यूडी के पास ओडीआर व एमडीआर मार्ग बनाने की जिम्मेदारी होती है। जिला पंचायत एमडीआर व ग्राम संपर्क मार्ग बनाती है। आरइएस व पंचायती राज विभाग ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को बनाती है। नगरीय निकाय अपने परिसीमन क्षेत्र में सड़कों का निर्माण करती है। गूगल पर जिले की सभी प्रकार की सड़कों की जानकारी अपलोड की गई है। नगर पंचायत उसका बाजार व डुमरियागंज के सड़कों के संबंध में जानकारी जल्द ही अपलोड हो जाएगी।
विभागवार सड़कों की संख्या
पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड- 351
पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड बांसी- 405
पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड-एक- 469
मंडी परिषद- 164
जिला पंचायत- 307
आरइएस व पंचायती राज- 136
गन्ना विकास विभाग- 14
नगर पालिका बांसी- 21
नगर पालिका सिद्धार्थनगर- 38
नगर पंचायत शोहरतगढ़- 27
नगर पंचायत बढ़नी- 10
सीडीओ पुलकित गर्ग ने कहा कि
जनपद की रोड डायरेक्ट्री बन कर तैयार है। इसे गांधी जयंती पर लांच किया जाएगा। गूगल पर सिद्धार्थनगर जनपद के संबंध में जानकारियां अपलोड है। इसी को अपडेट किया गया है। सड़कों के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने में लोगों को सुविधा होगी। जल्द ही इन सड़कों पर पड़ने वाले गांवों को भी जोड़ा जाएगा। डीएम दीपक मीणा ने कहा कि किसी रोड से गुजरते समय अगर वह टूटी मिलती थी तो पहले कार्यदायी संस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त करना होता था। कभी-कभी काम के दबाव में उस सड़क के संबंध में भूल भी जाते थे। इसे ध्यान में रखते हुए एक साफ्टवेयर विकसित करने का विचार आया। इस संबंध में जानकारी प्राप्त की। करीब एक लाख रुपये में साफ्टवेयर तैयार हुआ है। सिद्धार्थनगर के अधिकृत वेबसाइट पर इसे अपग्रेड किया गया है। गांधी जयंती पर इसे आधिकारिक रूप से लांच किया जाएगा।