विश्‍व मरीज सुरक्षा दिवस : सतर्कता के साथ 16581 का कराया गया संस्थागत प्रसव, सुरक्षा के साथ 16 हजार से अधिक बच्‍चों ने लिया जन्म

मरीजों की सुरक्षा के लिए कोविड संक्रमण काल सबसे कठिन दौर था। इस दौरान भी इस साल डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की सतर्कता के साथ 16581 महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराया गया। जच्‍चा-बच्‍चा दोनों सुरक्षित रहे। प्रसव के दौरान बच्‍चों की सुरक्षा पर विशेष ध्‍यान दिया गया।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 11:05 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 11:05 AM (IST)
विश्‍व मरीज सुरक्षा दिवस : सतर्कता के साथ 16581 का कराया गया संस्थागत प्रसव, सुरक्षा के साथ 16 हजार से अधिक बच्‍चों ने लिया जन्म
सुरक्षा के साथ 16 हजार से अधिक बच्‍चों ने लिया जन्म। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मरीजों की सुरक्षा के लिए कोविड संक्रमण काल सबसे कठिन दौर था। इस दौरान भी इस साल डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की सतर्कता के साथ 16581 महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराया गया। जच्‍चा-बच्‍चा दोनों सुरक्षित रहे। इसके लिए आशा से लेकर स्वास्थ्य केंद्रों के डाक्टरों व कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गर्भवती की नियमित देखरेख की गई। एंबुलेंस के जरिये उन्हें अस्पतालों में बुलाया गया। इस वजह से प्रसव में कोई कठिनाई नहीं आई।

17 सितंबर को मनाया जाता है विश्‍व मरीज सुरक्षा दिवस

डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को मरीजों की सुरक्षा के प्रति सतर्क करने को हर साल 17 सितंबर को विश्व मरीज सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। गर्भवती का सुरक्षित प्रसव हो, इसके लिए हर माह की नौ तारीख को सुरक्षित मातृत्व दिवस आयोजित कर चार से नौ माह तक की गर्भवती की जांच की जाती रही। साथ ही बुधवार व शनिवार को उन्हें पौष्टिक चीजें प्रदान की जाती थीं। समय से उनका टीकाकरण किया गया। प्रसव के बाद उन्हें दूध पिलाने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया।

नवजातों की देखरेख के लिए घर जाती हैं आशा

जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने बताया कि बच्‍चे पैदा होने के बाद 45 दिन तक आशा प्रसूता के घर जाती हैं और बच्‍चों की देखरेख करती हैं। कोई दिक्कत महसूस होने पर तत्काल स्वास्थ्य केंद्र को सूचना देती हैं। इससे यदि बच्‍चे को कोई दिक्कत होती है तो उसे न्यू बर्न केयर यूनिट में भर्ती कराया जाता है। उन्होंने बताया कि पूरी व्यवस्था की जाती है कि हर गर्भवती का सुरक्षित प्रसव हो। इसके लिए एंबुलेंस कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया गया है। गर्भवती की तबीयत बिगडऩे पर कर्मी एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव करा देते हैं।

इस साल इतने बच्‍चों ने लिया जन्म

- 2021 अप्रैल से 31 अगस्त तक- 16581

- 2020-21 - 53124

- 2019-2020 - 63483

- 2018 - 2019 - 106108

- 2017 -2018 - 57150

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