मछली पालन से महिलाओं ने लिखी समृद्धि की दास्तां

उसका बाजार के भिटिया गांव की महिलाएं मछली पालन के जरिये अपनी जिंदगी संवार रही हैं। साल 2017 में 35 हजार रुपये से शुरू किया गया कारोबार काफी आगे बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 07:00 AM (IST)
मछली पालन से महिलाओं ने लिखी समृद्धि की दास्तां
मछली पालन से महिलाओं ने लिखी समृद्धि की दास्तां

सिद्धार्थनगर : उसका बाजार के भिटिया गांव की महिलाएं मछली पालन के जरिये अपनी जिंदगी संवार रही हैं। साल 2017 में 35 हजार रुपये से शुरू किया गया कारोबार काफी आगे बढ़ गया है। अब वह सालाना दस लाख रुपये की मछलियां बेच रही हैं। 2017 में इसी गांव की रहने वाली जानकी देवी ने भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से मछली पालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। गांव की 11 महिलाओं को जोड़ कर कल्याणी स्वयं सहायता समूह का गठन किया। गांव के पुरुषों के विरोध के बावजूद मुहिम जारी रखी। बैंक ने उनको 35 हजार रुपये का ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराया। प्रशासन की पहल पर ग्राम प्रधान सतीश चंद्र चौधरी ने गांव के बाहर एक पोखरे का पट्टा करा दिया था।

दिन-रात मेहनत करके इन्होंने चार वर्ष में अपने कारोबार को ऊपर उठा दिया। अब बाहर के व्यापारी गांव में आने लगे हैं। अब महिलाएं पोखरे के साथ एक तालाब में भी मछली पालन कर रही हैं। दो दल गठित किया है जो रखवाली करता है। समूह की प्रत्येक सदस्य को हर महीने 12 से 15 हजार रुपये तक की आय हो जाती है। अब किराए पर तालाब लेकर व्यवसाय को आगे बढ़ाने की योजना बना रहीं हैं।

मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं पुरस्कृत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में गांव का दौरा किया था। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से वार्ता की। उन्होंने प्रोत्साहन स्वरूप इन्हें 21 हजार रुपये नकद पुरस्कार भी दिया। समूह ने पुरस्कार राशि को भी पूंजी में लगा दिया।

पालती हैं देसी मछलियां

बाजार की मांग को देखते हुए महिलाएं देसी प्रजाति की मछलियों का पालन करती हैं। इनके तालाब में रोहू, कामन, ग्रास, सिल्वर आदि प्रजाति की मछलियां हैं।

सीडीओ पुलकित गर्ग ने कहा कि

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मछली पालन के क्षेत्र में उतरी हैं। बेहतर काम किया है। इससे अन्य महिलाओं के लिए नजीर बन गई हैं। इन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। इनके सामने आ रही पूंजी की समस्या को निस्तारित किया गया है। बैंक से इन्हें ऋण प्रदान कराने की कार्रवाई की गई है।

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