घर के काम के साथ अब आय भी अर्जित करती हैं महिलाएं Gorakhpur News
गांव में मछली पालन बकरी पालन सामुदायिक शौचालयों की देखरेख का जिम्मा महिलाओं को दिया जा रहा है। उन्हें विभिन्न योजनाओं में ऋण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त समाज कल्याण के तहत कई और योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। विकास एवं अवस्थापना सुविधाओं के साथ ही सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर भी ध्यान दिया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के जरिए करीब दो लाख महिला समूहों का गठन कर महिलाओं को रोजगार की राह दिखाई गई है। अलग-अलग काम से जुड़कर ये महिलाएं आय अर्जित कर रही हैं और अपने परिवार को खुशहाली के रास्ते पर लेकर जा रही हैं।
गांव में मछली पालन और बकरी पालन का जिम्मा महिलाओं को
गांव में मछली पालन, बकरी पालन, सामुदायिक शौचालयों की देखरेख का जिम्मा महिलाओं को दिया जा रहा है। उन्हें विभिन्न योजनाओं में ऋण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त समाज कल्याण के तहत कई और योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के साथ-साथ, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ भी दिलाया। सामाजिक रूप से उत्पीडि़त लोगों को सहायता देने के साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नवरात्रि से मिशन शक्ति नाम से विशेष अभियान चलाया गया। यह अभियान सात चरणों में 180 दिनों तक चलाया गया। 24 विभागों की ओर से प्रतिदिन इसके तहत कार्यक्रम आयोजित किए गए।
पांच लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण
पांच लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया। जरूरतमंदों को आवास देने की मुहिम भी युद्धस्तर पर चली। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 41 हजार से अधिक आवास बनाए गए। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत 23 हजार से अधिक आवासों का निर्माण किया गया। वनटांगिया गांवों में 2140 मुख्यमंत्री आवास का निर्माण हुआ। इस योजना से वनटांगिया समुदाय के जीवन में बड़ा बदलाव आया। जिले के पांच वनटांगिया गांवों में बिजली, पेयजल, आवास, सड़क, विद्यालय एवं राशन कार्ड आदि सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं।