तीन दिन के अंदर नारायणी में विलीन हो गई 70 एकड़ खेत में लहलहा रही फसल
कुशीनगर के दुदही विकास खंड के दर्जन भर गांवों में नारायणी नदी कटान कर रही है। तीन िदिन के अंदर 70 एकड खेत की फसल नदी की धारा विलीन हो चुकी है। उन्होंने प्रशासन ने मदद की गुहार लगाई है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कुशीनगर के दुदही विकास खंड के कई गांवों पर नारायणी के तेज धारा कहर बनकर टूट रही है। विकास खंड के दर्जन भर गांवों में कटान हा रही है। 70 एकड़ खेत में लहलहा रही फसल तीन दिन के अंदर नदी में विलीन हो गई है। लगातार कटान जारी रहने से कई गांवों का वजूद खतरे में पड़ गया है। कटान रोकने के उपाय करने के लिए ग्रामीण उच्चाधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक से गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी आवाज नक्कार खाने में तूती की आवाज बनकर रह गई है।
नदी में विलीन हो गए थे दर्जनों गांव
नारायणी की कटान की वजह से 1978 से 1982 के बीच कैंथवलिया, बनरही, कौरतही, हसुवही, भगवानपुर, कौवाखोर, खैरटिया आदि दर्जनों गांव और इन गांवों की सीमा में स्थित खेत नदी में विलीन हो गए थे। बाद में नदी ने अपनी धारा बदली तो खेती की जमीन बाहर आ गई। ग्रामीणों ने दोबारा उस पर खेती शुरू की, लेकिन एक बार फिर नदी अपनी अपनी धारा बदलती नजर आ रही है। जिससे इन गांवों के वजूद और खेतों पर खतरा मडराने लगा है।
क्या कहते हैं किसान
किसान जयकिशुन गुप्ता, नगीना गुप्ता, हरिहर गुप्ता, किसुनदेव प्रसाद, बलिटर यादव, सुभाष तिवारी, धुंधकारी तिवारी, भेगराज प्रसाद, दुखी प्रसाद आदि किसानों का कहना है कि कुदरत तो हम गरीबों के किस्मत के साथ खिलवाड़ कर ही रहा है। हमारे दर्द को शासन प्रशासन या जनप्रतिनिधि भी गंभीरता से नही ले रहे है। कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहि स्थिति रही तो मजबूरी में हमे विस्थापित होने का दर्द सहना पड़ेगा।
शासन को भेजी जा रही रिपोर्ट
उप जिलाधिकारी एम फारुखी मानते हैं कि दुदही विकास खंड के कई तटवर्ती गांवों में कटान हो रही है। उन्होंने बताया कटान रोकने की कोशिश के साथ ही ग्रामीणों को हुए नुकसान की रिपोट्र तैयार कर शासन को भेजी जा रही है। पीडितों की हर संभव मदद की जाएगी।