प्रशासन की पहल से गीडा की चौथी इकाई से इसी सप्‍ताह होगा आक्‍सीजन का उत्‍पादन Gorakhpur News

आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयासों का परिणाम इस सप्ताह नजर आएगा। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में 2015 से बंद पड़ी आक्सीजन उत्पादन की इकाई अन्नपूर्णा गैसेज में इसी सप्ताह में उत्पादन शुरू हो जाएगा।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 09:30 AM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 09:30 AM (IST)
प्रशासन की पहल से गीडा की चौथी इकाई से इसी सप्‍ताह होगा आक्‍सीजन का उत्‍पादन Gorakhpur News
कचहरी क्लब में आक्सीजन को व्यवस्थित करते पंचायती राज के कर्मचारी। जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन : आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयासों का परिणाम इस सप्ताह नजर आएगा। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में 2015 से बंद पड़ी आक्सीजन उत्पादन की इकाई अन्नपूर्णा गैसेज में इसी सप्ताह में उत्पादन शुरू हो जाएगा। शुरू में यहां 1800 क्यूबिक मीटर (300 सिलेंडर) आक्सीजन का उत्पादन होगा, जिसे एक सप्ताह में बढ़ाकर 5400 क्यूबिक मीटर तक ले जाया जाएगा। उत्पादन शुरू करने की तैयारियां जोरों पर हैं और प्रतिदिन देर रात तक यहां काम किया जा रहा है।

मशीनों को कराया जा रहा है दुरुस्‍त

अन्नपूर्णा गैसेज के मालिक पशुपतिनाथ गुप्ता ने बताया कि मरीजों की जान बचाने के लिए जल्द से जल्द प्लांट को शुरू करने की कोशिश है। लंबे समय से बंद होने के कारण सभी मशीनों को दुरुस्त किया जा रहा है। नया स्टार्टर मंगाया जा चुका है। मोटर के लिए एक व्यक्ति को दिल्ली भेजा गया है। सोमवार की शाम या मंगलवार की सुबह तक मोटर भी आ जाएगा। इकाई में लिक्विड आक्सीजन बाहर से मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, इसे प्लांट में ही हवा से तैयार किया जाएगा। जल्द ही टैंक भी लगा लिया जाएगा। पूरी उम्मीद है कि तीन से चार दिनों में उत्पादन शुरू हो जाएगा। क्षमता को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा। कुछ दिन चलने के बाद इस प्लांट में 1600 से अधिक सिलेंडर (9600 क्यूबिक मीटर आक्सीजन) का उत्पादन प्रतिदिन हो सकेगा। इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

एक और प्लांट के लिए जल्द होगी जमीन की रजिस्ट्री

गीडा में ही गोरखपुर आक्सीजन एंड हेल्थकेयर की ओर से भी एक प्लांट स्थापित किए जाने की योजना है। फर्म के प्रोपराइटर मानस सिंह का कहना है कि उन्हें अस्थायी रूप से जमीन मिल गई है और उसपर मिट्टी भराई का काम भी शुरू हो गया है। गीडा ने काफी तेजी से प्रक्रिया पूरी की है। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में जमीन की रजिस्ट्री भी हो जाएगी। कोशिश है कि दो महीने में आक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया जाए। इस प्लांट से शुरू में 250 मीट्रिक टन आक्सीजन का उत्पादन होगा। यानी छह क्यूबिक मीटर वाले करीब 900 बड़े सिलेंडर तथा 3.5 क्यूबिक मीटर वाले करीब 1500 सिलेंडर का उत्पादन रोज हो सकेगा।

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