ज्वेलरी के साथ अब सोने की शुद्धता की भी देंगे गारंटी, अब सिर्फ 14, 18 एवं 22 कैरेट के ही गहने
अधिकांश ज्वेलर्स मानक के विपरीत 23 कैरेट गाेल्ड की ज्वेलरी बेचते हैं। ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हाेती। नई व्यवस्था लागू होने से प्रादर्शिता आएगी। पक्के बिल से स्पष्ट होगा कि ज्वेलरी कितने कैरेट का है और उस पर कितना मेकिंग चार्ज लगा है।
गोरखपुर, जेएनएन। सोने का जेवर आप शहर की किसी भी दुकान से लेंगे उसकी शुद्धता एक जैसी होगी। केंद्र सरकार ने बुधवार से जिन 256 शहरों में सोने से बने सभी तरह के ज्वेलरी पर हालमार्क (सोने की शुद्धता का प्रमाण) अनिवार्य किया है उसमें गोरखपुर भी शामिल है। हालमार्क के जरिए दुकानदार ग्राहकोें को सोने की शुद्धता की गारंटी भी देंगे।
इसका आम उपभोक्ताओं को सबसे बड़ा फायदा कि है कि वे जो गोल्ड ज्वैलरी खरीदेंगे, उस पर यह भरोसा होगा कि जितने कैरेट की शुद्धता का बताया जा रहा है, उतने ही शुद्धता का वाकई मिल रहा है। ज्वेलरी के खरीद-फराेख्त में पारदर्शिता आएगी और ग्राहकों को भी पक्का बिल मिलेगा। यही नहीं 23 कैरेट के नाम पर ग्राहकों को बेवकूफ भी नहीं बनाया सकेगा। नए नियम के तहत अब 14, 18 एवं 22 कैरेट सोने की ही बिक्री होगी।
सभी तरह की जवेलरी पर अनिवार्य हुआ हालमार्क
ऐसा नहीं है कि देश में हालमार्किंग वाले गहने अभी नहीं बिकते थे, लेकिन उन पर कोई अनिवार्यता लागू नहीं थी। कई बड़े ज्वेलर्स खुद ही हालमार्किंग वाली ज्वेलरी बेच रहे हैं। गोरखपुर में ज्वलेरी की तकरीबन पांच सौ से ज्यादा दुकानें हैं, लेकिन 10 फीसद दुकानदार ही हालमार्क वाली ही ज्वेलरी बेचते हैं, बाकी दुकानदार जो ज्वेलरी बेचते हैं उस पर शुद्धता का कोई मानक नहीं हाेता।
अधिकांश ज्वेलर्स मानक के विपरीत 23 कैरेट गाेल्ड की ज्वेलरी बेचते हैं। ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हाेती। ग्राहकों को पक्का बिल भी नहीं दिया जाता है। एक समान वजन वाली ज्वेलरी की कीमत अलग-अलग दुकानों पर एक समान नहीं होती। सोने की शुद्धता को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। नई व्यवस्था लागू होने से प्रादर्शिता आएगी। पक्के बिल से स्पष्ट होगा कि ज्वेलरी कितने कैरेट का है आैर उस पर कितना मेकिंग चार्ज लगा है।
चार बार बदली गई डेडलाइन
नवंबर 2019 में केंद्र सरकार ने गोल्ड ज्वेलरी और कलाकृतियों के लिए गोल्ड हालमार्किंग नियमों का ऐलान किया था, जिसे जनवरी 2021 से पूरे देश में लागू किया जाना था।कोरोना महामारी की वजह से ज्वेलर्स ने सरकार से मोहलत मांगी और डेडलाइन बढ़ती चली गई। 15 जून तक गोल्ड हालमार्किंग की डेडलाइन को चार बार बढ़ाया गया और 16 जून को इसे लागू किया गया।
नहीं कराया पंजीकरण
हालमार्किंग गहने बेचने के लिए सभी कारोबारियों का बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) में पंजीयन अनिवार्य है। पांच साल के पंजीयन का शुल्क पांच से 25 हजार रुपये तक है। बाद में नवीनीकरण कराना पड़ेगा, लेकिन गोरखपुर में करीब 90 फीसद कारोबारियों ने अब तक पंजीकरण नहीं कराया है।
जाने सोने की शुद्धता
24 कैरेट 99.9 फीसद
23 कैरेट 95.8 फीसद
22 कैरेट 91.6 फीसद
18 कैरेट 75.0 फीसद
14 कैरेट 58.5 फीसद
सभी लोगाें को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। दुकान में जो भी स्टाक है उस पर उनका रजिस्टर्ड लोगाे लगा होना चाहिए। सभी इससे यह पता चलेगा कि यह ज्वेलरी किस दुकान से बिका है। पूरे भारत मेंं तीस सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी बिकेगी। अगर काेई 23 कैरेट कहकर ज्वेलरी बचेता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा। सरकार ने प्रादर्शिता लाने के लिए यह नियम लागू किया है। - महेश सराफ, महामंत्री सर्राफा मंडल।