प्रशिक्षण देकर तैयार कराएंगे बेहतर उत्पाद, बढ़ेगी महिलाओं की आय

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के तहत ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए जिला स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाएगी। ब्लाक स्तर पर सक्रिय किए जाने वाले सभी 100 स्वयं सहायता समूह को वित्त पोषित करते हुए रोजगार से जोड़ा जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 07:50 AM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 07:50 AM (IST)
प्रशिक्षण देकर तैयार कराएंगे बेहतर उत्पाद, बढ़ेगी महिलाओं की आय
आजीव‍िका म‍िशन के तहत मह‍िलाओं को ट्रेन‍िंग देने की तैयारी की जा रही है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संचालित स्वयं सहायता समूहों को सक्रिय करने की तैयारी चल रही है। समूह की सदस्य महिलाओं को अलग-अलग तरह के प्रशिक्षण देकर बेहतर उत्पाद तैयार कराए जाएंगे और इन उत्पादों की मार्केटिंग के लिए बाजार भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस प्रशिक्षण के बाद महिलाओं की आय में वृद्धि भी हो सकेगी। प्रशिक्षण आजीविका मिशन की ओर से संचालित गतिविधयों, आजीविका संसाधनों एवं सदस्यों की आवश्यकतानुसार अलग-अलग होंगे। हर ब्लाक में 100 सक्रिय सहायता समूहों का चयन किया जाएगा। चयन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत सचिवों की होगी। हर ग्राम पंचायत से कम से कम दो स्वयं सहायता समूह को इसमें शामिल किया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए ब्लाकों को छह महीने के लिए विस्तृत कार्ययोजना भी बनानी होगी।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत आयोजित होंगे प्रशिक्षण कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के तहत ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए जिला स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाएगी। ब्लाक स्तर पर सक्रिय किए जाने वाले सभी 100 स्वयं सहायता समूह को वित्त पोषित करते हुए रोजगार से जोड़ा जाएगा। उनके द्वारा तैयार उत्पाद की मार्केटिंग करायी जाएगी। समूह के ऐसे सदस्यों का चयन किया जाएगा जो आजीविका गतिविधियों को अपनाने के लिए प्रशिक्षण के इच्छुक होंगे। उनके ट्रेड को संकलित कर निर्धारित समय सीमा में प्रशिक्षित किया जाएगा।

विभिन्न विभागों के जरिए उपलब्ध कराए जाएंगे आजीविका के संसाधन

स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को मनरेगा, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, मत्स्य विभाग एवं पंचायती राज विभाग के जरिए आजीविका के संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए चिन्हित गतिविधि में प्रशिक्षण देकर उन्हें पारंगत भी बनाया जाएगा। मनरेगा के कार्यों में कम से कम तीन कार्य दिवस समूह की महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर कार्य का आवंटन किया जाएगा।

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उनकी रुचि के अनुसार बेहतर उत्पाद बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कुछ दिन पहले बैठक में इस बात के निर्देश दिए हैं। हर ब्लाक स्तर पर कम से कम 100 स्वयं सहायता समूह को सक्रिय कर सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे महिलाओं की आय भी बढ़ेगी। - इंद्रजीत सिंह, मुख्य विकास अधिकारी।

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