बोगी में गंदगी है तो टीटीई से करें शिकायत, अगले स्टेशन पर चकाचक हो जाएगी बोगी
रेल यात्रियों को बोगी में गंदगी, गंदे टॉयलेट, खराब पंखे, बदबूदार बेडरोल से परेशान नहीं होना पड़ेगा। टिकट परीक्षण के दौरान ही यात्रियों की परेशानियां कंट्रोल तक पहुंच जाएंगी।
गोरखपुर, प्रेम नारयण द्विवेदी। रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें बोगी में पसरी गंदगी, गंदे टॉयलेट, खराब पंखे, बदबूदार बेडरोल और तबीयत खराब होने पर परेशान नहीं होना पड़ेगा। टिकट परीक्षण के दौरान ही यात्रियों की परेशानियां कंट्रोल तक पहुंच जाएंगी। अगले स्टेशन पर समाधान भी हो जाएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड अपने समस्त चल टिकट परीक्षकों (टीटीई) को स्मार्ट बनाने की तैयारी कर रहा है।
नए साल में भारतीय रेलवे के समस्त टीटीई के हाथ में हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) होगा। बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे सहित समस्त जोनल कार्यालयों के प्रस्तावों पर मुहर लगा दी है। साथ ही सेंटर फार रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) को भी आवश्यक दिशा - निर्देश जारी कर दिया है। एचएचटी ग्लोबल पोजेशनिंग सिस्टम (जीपीएस) पर आधारित होगा। यह सीधे क्रिस के जरिये पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (क्रिस) से जुड़ा रहेगा।
इसके जरिये टीटीई आवश्यकतानुसार टिकटों की बुकिंग और खाली बर्थ को भर सकेंगे। अनियमितता पर जुर्माना भी काट सकेंगे। उन्हें एक्सेस फेयर टिकट (ईएफटी) लेकर चलने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। एचएचटी के जरिये टीटीई टिकटों के अलावा यात्री सुविधाओं पर भी ध्यान दे सकेंगे। अगर बोगी में पानी नहीं है, किसी यात्री को बेडरोल नहीं मिला है या किसी की तबीयत खराब हो गई है तो टीटीई अपने एचएचटी के माध्यम से यात्रियों की परेशानी को कोच कंडक्टर तक सीधे पहुंचा सकेंगे।
अगले स्टेशन पर बेडरोल भी मिलेगा, बोगी में पानी भी भरा जाएगा। अक्सर, यात्री परेशानियों के समाधान की गुहार टीटीई से लगाते रह जाते हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पाती। टीटीई भी चाहकर कोई समाधान नहीं कर पाते। भीड़ आदि के चलते यात्री कोच कंडक्टर तक नहीं पहुंच पाते। शिकायत पुस्तिका पर दर्ज परेशानियों के निस्तारण में कई दिन या महीनों लग जाते हैं। ऐसे में एचएचटी यात्रियों के सफर को सुहाना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। फिलहाल, रेलवे बोर्ड ने पटना में एचएचटी का प्रयोग शुरू कर दिया है।
बार कोटेड होंगे टिकट, पकड़े जाएंगे फर्जी पास
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन एचएचटी का इंतजार कर रहा है। एचएचटी मिलते ही क्रिस की सहमति से टिकट और कर्मचारियों के यात्रा पास कंप्यूटराइज्ड बार कोटेड हो जाएंगे। ऐसे में टीटीई एचएचटी से असली और नकली टिकट और पास की पहचान भी कर सकेंगे।
मिलेगी राहत
- टिकट व जुर्माना के नाम पर नहीं ले सकेंगे अतिरिक्त किराया
- कंट्रोल रूम को हर पल मिलती रहेगी आनलाइन रिपोर्ट
- समाप्त होगा ईएफटी के जरिये होने वाला फर्जीवाड़ा
- फर्जी टिकट व रेल यात्री पास पर लगेगा पूरी तरह अंकुश
इससे पारदर्शी होगी व्यवस्था
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने कहा कि रेलवे बोर्ड की यह एक अच्छी पहल है। इससे सिस्टम अपडेट तो होगा ही, व्यवस्था में भी पारदर्शिता आएगी। डिजिटल इंडिया की तरफ रेलवे का यह अहम कदम है।
नए साल में भारतीय रेलवे के समस्त टीटीई के हाथ में हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) होगा। बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे सहित समस्त जोनल कार्यालयों के प्रस्तावों पर मुहर लगा दी है। साथ ही सेंटर फार रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) को भी आवश्यक दिशा - निर्देश जारी कर दिया है। एचएचटी ग्लोबल पोजेशनिंग सिस्टम (जीपीएस) पर आधारित होगा। यह सीधे क्रिस के जरिये पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (क्रिस) से जुड़ा रहेगा।
इसके जरिये टीटीई आवश्यकतानुसार टिकटों की बुकिंग और खाली बर्थ को भर सकेंगे। अनियमितता पर जुर्माना भी काट सकेंगे। उन्हें एक्सेस फेयर टिकट (ईएफटी) लेकर चलने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। एचएचटी के जरिये टीटीई टिकटों के अलावा यात्री सुविधाओं पर भी ध्यान दे सकेंगे। अगर बोगी में पानी नहीं है, किसी यात्री को बेडरोल नहीं मिला है या किसी की तबीयत खराब हो गई है तो टीटीई अपने एचएचटी के माध्यम से यात्रियों की परेशानी को कोच कंडक्टर तक सीधे पहुंचा सकेंगे।
अगले स्टेशन पर बेडरोल भी मिलेगा, बोगी में पानी भी भरा जाएगा। अक्सर, यात्री परेशानियों के समाधान की गुहार टीटीई से लगाते रह जाते हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पाती। टीटीई भी चाहकर कोई समाधान नहीं कर पाते। भीड़ आदि के चलते यात्री कोच कंडक्टर तक नहीं पहुंच पाते। शिकायत पुस्तिका पर दर्ज परेशानियों के निस्तारण में कई दिन या महीनों लग जाते हैं। ऐसे में एचएचटी यात्रियों के सफर को सुहाना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। फिलहाल, रेलवे बोर्ड ने पटना में एचएचटी का प्रयोग शुरू कर दिया है।
बार कोटेड होंगे टिकट, पकड़े जाएंगे फर्जी पास
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन एचएचटी का इंतजार कर रहा है। एचएचटी मिलते ही क्रिस की सहमति से टिकट और कर्मचारियों के यात्रा पास कंप्यूटराइज्ड बार कोटेड हो जाएंगे। ऐसे में टीटीई एचएचटी से असली और नकली टिकट और पास की पहचान भी कर सकेंगे।
मिलेगी राहत
- टिकट व जुर्माना के नाम पर नहीं ले सकेंगे अतिरिक्त किराया
- कंट्रोल रूम को हर पल मिलती रहेगी आनलाइन रिपोर्ट
- समाप्त होगा ईएफटी के जरिये होने वाला फर्जीवाड़ा
- फर्जी टिकट व रेल यात्री पास पर लगेगा पूरी तरह अंकुश
इससे पारदर्शी होगी व्यवस्था
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने कहा कि रेलवे बोर्ड की यह एक अच्छी पहल है। इससे सिस्टम अपडेट तो होगा ही, व्यवस्था में भी पारदर्शिता आएगी। डिजिटल इंडिया की तरफ रेलवे का यह अहम कदम है।