यहां जब-जब बरसात होती है, झूमने लगते हैं मगरमच्छ, घड़ियाल और कछुए
बरसात के मौसम में कीचड़ की वजह से शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में बब्बर शेर पटौदी और मरियम तथा बाघ अमर और मैलानी जहां बाड़े में नहीं निकलते वहीं दरियाई घोड़े नन्हे व लक्ष्मी को बारिश खूब भाती है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : बरसात के मौसम में कीचड़ की वजह से शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में बब्बर शेर पटौदी और मरियम तथा बाघ अमर और मैलानी जहां बाड़े में नहीं निकलते, वहीं दरियाई घोड़े नन्हे व लक्ष्मी को बारिश खूब भाती है। बारिश शुरू होते ही उनका अपने बाड़े में झूमना शुरू हो जाता है। उनके करतब देखते बनती हैं। मगरमच्छ, घड़ियाल और कछुए भी इस मौसम का खूब आनंद लेते हैं। चिड़ियाघर में रखे गए देशी-विदेशी प्रजाति के कई पक्षी भी जमकर लुत्फ उठाते हैं।
बरसात का मौसम काफी पसंद आता है दरियाई घोड़े को
दरियाई घोड़े को पानी काफी पसंद है। चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश प्रताप सिंह बताते हैं कि दरियाई घोड़े के पानी से प्रेम के कारण उनकी शारीरिक बनावट है, इनकी मोटी त्वचा से हर समय लाल रंग का अम्लीय रसायन निकलता रहता है, जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी होती है।
अपना अधिकतर समय पानी में बिताना पसंद करते हैं दरियाई घोड़े
पानी में रहने पर यह रसायन नहीं निकलता, जिससे उन्हें आराम मिलता है। इसलिए उन्हें पानी काफी पसंद है और यही वजह है कि इनकी रिहाइश बड़े जल स्रोत के पास ही होती है। अपना अधिकतर समय वह पानी के अंदर ही बिताना पसंद करते हैं। आमतौर से भूख लगने पर खाने की तलाश में ही पानी से बाहर निकलता है। पानी से प्रेम की वजह से ही बरसात का मौसम उसे काफी पसंद है।
बारिश का लुत्फ लेते हैं मगरमच्छ और घड़ियाल
मगरमच्छ, घड़ियाल और कछुआ पानी में ही रहने वाले जीव हैं, लेकिन पानी के बाहर भी रह सकते हैं। बरसात होने पर अक्सर ये पानी के बाहर निकलकर उसका लुत्फ लेते हैं। इनके अलावा चिड़ियाघर में रखे पक्षियों बत्तख, रोजीटेलिकन, पेटेडिस्टार्क, स्वान डक को भी पानी काफी पसंद है। इन पक्षियों का मुख्य आहार मछली है, इसलिए वे पानी के आसपास रहते भी हैं। बारिश होने पर उनकी हरकतों से उनकी खुशी का पता चलता है।