सुविधाओं से वंचित हैं रमवापुर के ग्रामीण
खेसरहा ब्लाक के सात सौ की आबादी वाले ग्राम पंचायत बसखोरिया के टोला रमवापुर के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। यहां ग्रामीण संपर्क मार्ग शौचालय आवास जैसी सुविधाओं से वंचित हैं। शौचालय के अभाव में दर्जनों परिवार खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
सिद्धार्थनगर : खेसरहा ब्लाक के सात सौ की आबादी वाले ग्राम पंचायत बसखोरिया के टोला रमवापुर के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। यहां ग्रामीण संपर्क मार्ग, शौचालय आवास जैसी सुविधाओं से वंचित हैं। शौचालय के अभाव में दर्जनों परिवार खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
आवास की आस में आज भी कई गरीब परिवार झोपड़ी में जीवन यापन कर रहे हैं। जल निकासी के लिए अभी तक नाली निर्माण नहीं करवाया गया है, जिससे ग्रामीण गंदगी के बीच जीवन निर्वाह कर रहे हैं और संक्रामक बीमारियों के फैलने का उन्हें डर बना रहता है। गांव के राम मिलन, राम सजीवन, असगर अली, मो.यूसूफ, इस्लाम, रोशन अली, शेर अली आदि लोगों का कहना है कि पेयजल के लिए तीन हैंडपंप तो लगे है पर एक तो अर्से से खराब है और दो दूषित जल दे रहे। अधिकांश लोग देशी नल से पानी पीने पर मजबूर हैं।
सीताराम का कहना है कि लोग कहते है सरकार गरीबों को लाभ दे रही लेकिन हम लोगों को कुछ नसीब नही हुआ, गांव में कही इंटरलाकिग व आरसीसी रोड़ तक नहीं बनी।
मोहब्बत अली ने बताया कि सफाई कर्मचारी गांव में तीन साल से नहीं है, जगह जगह गंदगी का अंबार लगा है। एक साल पहले नाली बनी थी जो टूट चुकी है। पानी रास्ते में फैला रहता है।
कासिमा ने कहा कि पांच वर्ष आवास की आस में गुजर गए। मेहनत मजदूरी करके परिवार को पाल रही हूं, कई बार ग्राम सचिव आए फोटो खींच कर ले गए, पर कुछ नहीं हुआ।
महबूब ने बताया कि गांव के पूरब तरफ करीब बीस घर के लोगों का मुख्य मार्ग है जो कई वर्ष से अधूरा पड़ा है। बरसात में कीचड़ में आते जाते हैं। यह मार्ग बनने से परेशानी खत्म हो जाती।
बीडीओ खेसरहा राजकुमार ने इस संदर्भ में बताया कि रोस्टर के अनुसार प्रतिदिन गांव का सर्वे कर रहा हूं, जहां जो समस्या है। उसका उल्लेख भी किया जा रहा है। रही बात नाली, खड़ंजा की तो धीरे-धीरे करके सब सुधार हो जायेगा।