गैस सिलेंडर के दाम बढ़े तो लोगों ने उपयोग करना किया कम Gorakhpur News
गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोत्तरी ने सभी वर्ग के लोगों को प्रभावित किया है। इसमें खासकर उज्ज्वला गैस के कनेक्शन के उपभोक्ता भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कुशीनगर जनपद में लगभग दो लाख 37 हजार उपभोक्ता हैं।
गोरखपुर, जेएनएन : गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोत्तरी ने सभी वर्ग के लोगों को प्रभावित किया है। इसमें खासकर उज्ज्वला गैस के कनेक्शन के उपभोक्ता भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कुशीनगर जनपद में लगभग दो लाख 37 हजार उपभोक्ता हैं। दिसंबर, 20 तक 669 रुपये होने के कारण इस योजना के लगभग सवा लाख लाभार्थी सिलेंडर भराते थे, ज्यों-ज्यों सिलेंडर का मूल्य बढ़ता गया, त्यों-त्यों लेने वालों की संख्या कम होती गई। फरवरी में तीन बार दर बढ़ी जो एक महीने में 100 रुपये है। यही कारण है कि उज्ज्वला योजना के लगभग 30 से 40 हजार ही उपभोक्ता ही लाभ ले पाए हैं। इससे साफ जाहिर है कि महंगाई ने उनके किचेन का बजट गड़बड़ा दिया है। पहले सिलेंडर का मूल्य कम होने व सब्सिडी की राशि खाते में जाने से लोग मिलाजुला कर काम चला लेते थे, लेकिन अब सभी को सब्सिडी की राशि लगभग 62 से 63 रुपये ही मिल रही है। इसलिए सिलेंडर भरवाने से लाभार्थी कतरा रहे हैं।
यह है सिलेंडर का मूल्य
सितंबर, 2020 : 669
अक्टूबर : 669
नवंबर: 669
पहली दिसंबर : 669 रुपये
दो दिसंबर : 719
15 दिसंबर : 769
जनवरी-2021 : 769 रुपये
दो फरवरी : 794
15फरवरी : 844
25फरवरी : 869
पहली मार्च : 894
परेशान हैं सभी
सिलेंडर के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसका सीधा असर रसोई की बजट पर पड़ रहा है। महंगाई की मार इतनी अधिक है कि इससे आमजन को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। कोरोना काल के दौरान लोगों को आमदनी का बड़ा झटका लगा। अभी उससे उबर भी नहीं पाए कि महंगाई फिर कमर तोड़ने पर लगी है। गृहिणी उर्मिला देवी व शांति देवी कहती हैं कि रसोई गैस के दाम में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी चिंतित करने वाली हैं। कमलावती व शिब्बू देवी का कहना है कि रसोई गैस का कीमत बढ़ना सही नहीं है। यह प्रत्येक परिवार के लिए जरूरी है। सरकार को यह कीमत वापस लेनी चाहिए। संजना देवी व संयोगिता देवी ने कहा कि गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ने से बजट बिगड़ गया है। ऐसा लग रहा है कि सरकार को लोगों की चिंता ही नही है। मीना देवी व प्रीति देवी का कहना है कि चाय-नाश्ता से लेकर खाना पकाने तक के लिए ईंधन का एकमात्र साधन रसोई गैस ही है। सरकार का यह फैसला जनविरोधी है, इसे अविलंब वापस लेना चाहिए। अब खाना लकड़ी के चूल्हे पर बनाया जा रहा है।
कोरोना काल में तीन महीना सरकार ने किया भुगतान
कोरोना संक्रमण काल में पिछले वर्ष अप्रैल से लेकर जून तक तीन महीने तक केंद्र सरकार ने लाभार्थियों के खाते में भुगतान किया।