पति की मौत हुई तो सेवा के लिए समर्पित कर दिया एंबुलेंस

कार्यक्रम की संचालक ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बढऩे लगी तो डा एसएन पाठक तेजी से लोगों के इलाज में जुट गए। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में मरीजों की सेवा का उनको अछा अनुभव हो गया था।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 02:11 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 02:11 PM (IST)
पति की मौत हुई तो सेवा के लिए समर्पित कर दिया एंबुलेंस
दैनिक जागरण कोरोना योद्धा सम्मान से सम्मानित होती श्रीमती सुनीता पाठक। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना योद्धा सम्मान के लिए चयनित होने वालों में एक ऐसी भी शख्सियत थी, जिसको कोरोना ने हमसे छीन लिया। पीपीगंज के वरिष्ठ फिजीशियन डा. एसएन पाठक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शहीद हो गए। उनके नाम का सम्मान लेने के लिए जब उनकी पत्नी सुनीता पाठक मंच पर पहुंची तो पूरा हाल न केवल तालियों से गूंज उठा बल्कि हर चेहरा भावुक हो उठा।

पीपीगंज में वरिष्ठ फिजीशियन डा. एसएन पाठक का कोरोना से हुआ था निधन

कार्यक्रम की संचालक ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बढऩे लगी तो डा एसएन पाठक तेजी से लोगों के इलाज में जुट गए। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में मरीजों की सेवा का उनको अ'छा अनुभव हो गया था। वह दूसरी लहर में संक्रमितों के इलाज में जुट गए। दिन-रात संक्रमितों के बीच कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए इलाज में जुटे रहे डा. पाठक कब खुद संक्रमित हो गए पता ही नहीं चला। थोड़ी तबियत खराब हुई तो उन्होंने अपनी जांच कराई। खुद को आइसोलेट कर इलाज शुरू कर दिया। इस दौरान भी वह फोन पर मरीजों को परामर्श और हौसला देते रहे। तबियत खराब होती गई तो स्वजन ने उन्हें एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान 25 अप्रैल को डा. एसएन पाठक का निधन हो गया।

पति के इलाज में साथ-साथ रहीं भारद्वाज पब्लिक स्कूल की प्रबंधक सुनीता पाठक ने संक्रमितों और उनके स्वजन का दर्द बहुत करीब से देखा। वह दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती रहीं। पति को खोने के बाद सुनीता पाठक ने अपने अस्पताल का एंबुलेंस कोरोना संक्रमितों को मेडिकल कालेज या अन्य अस्पताल पहुंचाने के लिए दे दिया। वह खुद मरीजों का हाल जानती रहीं और दूसरों को भी प्रेरित करती रहीं।

खुद भी थीं संक्रमित

डा. एसएन पाठक संक्रमित हुए तो उन्होंने पत्नी सुनीता की भी जांच कराई। रिपोर्ट में सुनीता पाठक भी पाजिटिव मिलीं। इसके बाद उन्होंने पति के साथ खुद को होम क्वारंटीन कर कर लिया। पति की सेवा में जुटी रहीं। डा. पाठक की हालत बिगडऩे लगी तो उन्हें नर्सिंग होम में भर्ती कराया। सुनीता पाठक को पति को खोकर अपूरणीय क्षति जरूर हुई है लेकिन वह पति के सेवा के मिशन को आगे बढ़ाने में जुटी हैं।

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