खरी-खरी : कोरोना मरीज का खाना खा गया कुत्ता Gorakhpur News
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गजाधर द्विवेदी, गोरखपुर। कोविड अस्पतालों की दुर्दशा समय-समय पर सामने आती रहती है। सामान्य मरीजों को तो अस्पताल प्रबंधन उल्टा-सीधा पढ़ाकर शांत कर लेता है, लेकिन इस बार बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मी सेहत का ख्याल रखने वाले महकमे के लिए मुसीबत बने हैं। पॉजिटिव होने के बाद उन्हें शहर के उत्तरी क्षेत्र में बने कोविड लेवल-1 अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। वहां तमाम तरह की कमियां हैं। अब रोज वे शिकायत कर रहे हैं। हद तो तब हो गई जब एक सुरक्षा कर्मी ने बताया कि उसका खाना वार्ड में घूम रहा कुत्ता खा गया। वे अपने अधिकारियों को भी व्यवस्था से लगातार अवगत करा रहे हैं। महकमे के बड़े साहब उनकी अलग से कोई व्यवस्था नहीं करा सकते। सभी के लिए बहुत अ'छी व्यवस्था करना संभव नहीं है, इसलिए अब उनकी नींद उड़ी हुई है। सोच रहे हैं कि यदि ऊपर से यह सवाल पूछा गया, तो क्या जवाब देंगे।
मरीजों की मजबूरी का उठाया फायदा
जिले के उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा संस्थान के कोरोना वार्ड में जब व्यवस्था की पोल खुली, तो अस्पताल प्रबंधन ने अपनी बेहतरी बताने के लिए भर्ती मरीजों का सहारा ले लिया। पोल भी वहां भर्ती मरीजों ने ही खोली थी। कुछ दिन पहले वहां भर्ती एक डिग्री कॉलेज के प्रबंधक ने शासन से शिकायत भी की है। जिले के एक आला अफसर के पीए की मौत होने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर कोरोना वार्ड की जो तस्वीर पेश की, वह न सिर्फ संस्थान की अव्यवस्था बल्कि संवेदनहीनता की पराकाष्ठा थी। इसके बाद एक-दो और मरीजों ने वहां की व्यवस्था पर सवाल उठाए। इसके बाद संस्थान को लीपा-पोती करने की सूझी, जिसके लिए उसने भर्ती मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाया। संस्थान के जिम्मेदारों ने कुछ मरीजों को तैयार कर उनकी वीडियोग्राफी करायी, जिसमें उनसे कहलवाया कि वहां की व्यवस्था बहुत अ'छी है और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करा दिया।
हाफ पैंट पहन लगा रहे राउंड
आधी आबादी की स्वास्थ्य सुरक्षा का दावा करने वाले सरकारी अस्पताल में पत्नी की कृपा से साहब बने जनाब शायद सुध-बुध खो बैठे हैं। सुबह सात बजे ही हाफ पैंट पहनकर वार्डों में राउंड लेने लगे हैं। अति उत्साह में भूल गए हैं कि वह जिस पेशे से जुड़े हैं, उसका एक ड्रेस कोड है। उसी में इस सम्मानजनक पेशे की गरिमा है, लेकिन साहब हैं कि हाफ पैंट में ही प्रसव पूर्व व बाद के वार्डों सहित अन्य वार्डों में पहुंच जाते हैं। कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाते हैं। बिना गलती के भी फटकार लगाते रहते हैं। उनके तीखे तेवर देख कर्मचारी सकपका जाते हैं। दरअसल पिछले दिनों यह बात वायरल हो गई कि उनकी पत्नी ने बड़े साहब बनने के बाद नियमों को दरकिनार कर उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है। साहब का मानना है कि यह सूचना कर्मचारियों ने लीक की है, इसलिए खुन्नस निकाल रहे हैं।
पद के लिए महकमे में शीतयुद्ध
पद व अधिकार के लिए सेहत का ख्याल रखने वाले महकमे में इस समय शीतयुद्ध चल रहा है। पहले यहां एक छोटे साहब थे। वह बड़े साहब के बहुत खास थे, इसलिए उन्हें महत्वपूर्ण पद व अधिकार मिले थे। उनकी प्रोन्नति हो गई। वह भी बड़े साहब बनकर पड़ोस के जिले में चले गए। वहां की एक मैडम को यहां उनके पद पर भेज दिया गया। मैडम यहां ज्वाइन नहीं कर रही हैं। यहां के छोटे साहबों का मानना है कि मैडम बहुत सीनियर हैं, इसलिए इस पद पर ज्वाइन नहीं करेंगी। अब उनके रिक्त पद व अधिकारों को पाने के लिए शीतयुद्ध शुरू हो गया है। सभी बड़े साहब का खास बनने की कोशिश में हैं। दूसरी तरफ मैडम को समझा रहे हैं कि यह पद आपके लायक नहीं है, क्योंकि उन्हें पता है कि मैडम आ गईं तो काफी सीनियर होने के चलते सारी जिम्मेदारियां उन्हें मिल जाएंगी।