हमने योग को पेटेंट नहीं कराया बल्कि सर्व सुलभ बनाया : योगी

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग हमारी परंपरा, ऋषि मुनियों का प्रसाद है लेकिन हमने पाश्चात्य संस्कृति की तरह पेटेंट कराने की बजाय सर्व-सुलभ बनाया है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 20 Jun 2018 09:03 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jun 2018 09:04 PM (IST)
हमने योग को पेटेंट नहीं कराया बल्कि सर्व सुलभ बनाया : योगी
हमने योग को पेटेंट नहीं कराया बल्कि सर्व सुलभ बनाया : योगी

गोरखपुर (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग हमारी परंपरा है, ऋषि मुनियों का प्रसाद है। लेकिन, हमने पाश्चात्य संस्कृति की तरह इसे पेटेंट कराने की बजाय सर्व-सुलभ बनाया है। इसी का नतीजा है कि आज विश्व के 192 देश इसे आत्मसात कर लाभ उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर में आयोजित साप्ताहिक योग शिविर और शैक्षिक कार्यशाला के छठे दिन योग दिवस की पूर्व संध्या पर 'भारतीय संस्कृति में योग-अध्यात्म-शिक्षा' विषय पर व्याख्यान दे रहे थे।  

मुख्यमंत्री ने लोगों का आह्वान किया कि गुरुवार को अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर जब दुनिया के 192 देश एक साथ यौगिक क्रिया कर रहे होंगे तो देश के हर व्यक्ति का यह दायित्व बनेगा कि वह भी योग की परंपरा को साधे और प्रेरणा दे कि हमने अपने ऋषियों के प्रसाद को अपने पास रखने की बजाय पूरी दुनिया में बांटा है। योग के मायने बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि योग को हर किसी ने भले ही अलग-अलग रूप से स्वीकार किया है लेकिन इसका संपूर्ण मतलब जीवन में संतुलन लाना है। जिसके जीवन में संतुलन आ गया, वह माने कि योगी हो गया। योग की ऐतिहासिकता को भारत से जोड़ते हुए योगी ने कहा कि भगवान शिव को आदि योगी माना गया है। उनकी परंपरा को ऋषि-मुनियों ने आगे बढ़ाया और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से यह दुनिया की जरूरत बन गया है। प्रधानमंत्री ने योग के माध्यम से दुनिया को संकीर्णता के दायरे से बाहर निकाला है और यह साबित कर दिया है कि भारत की परंपरा सांप्रदायिकतावादी नहीं बल्कि मानवतावादी है।

अंतराष्ट्रीय योग दिवस को 21 जून की भीषण गर्मी में मनाए जाने के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए योगी ने कहा कि यह वह समय होता है जब प्रकृति की अधिकतम ऊर्जा हमें प्राप्त होती है। योग के माध्यम से इस ऊर्जा को हम आत्मसात करते हैं ओर लोक कल्याण के कार्य में लगाते हैं। मुख्यमंत्री ने योग परंपरा के विकास में पतंजलि व गुरु गोरक्षनाथ की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि दोनों ही ऋषियों की यौगिक क्रिया को अपना कर शरीर को बीमारी से मुक्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग व शिक्षा एक दूसरे से अनिवार्य रूप से जुड़े हुए हैं। शिक्षा जीवन में संतुलन बनाए रखने की दिशा प्रदान करती है, जिससे योग का मार्ग प्रशस्त होता है। मुख्यमंत्री ने सभी को योग दिवस की बधाई भी दी।

जाति किसी की विरासत नहीं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार दोपहर गोरखनाथ मंदिर के तिलक हाल में गोरखपुर क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों और जन प्रतिनिधियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 28 जून के मगहर दौरे के लिए कार्यकर्ताओं को सहेजा बल्कि 2019 के लोकसभा उपचुनाव को फतह करने का मंत्र दिया। मुख्यमंत्री का पहला वार जातिगत राजनीति पर था। उन्होंने साफ कहा कि कोई भी जाति किसी राजनीतिक पार्टी की विरासत नहीं है और पीडि़त व्यक्ति की कोई जाति नहीं होती। केंद्र और प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जाति नहीं पात्रता के आधार पर दिया जाता है। पूर्ववर्ती सरकारें जाति पूछकर लाभ पहुंचाती थीं। पात्र लोगों को भी जाति विशेष का न होने के चलते लाभ नहीं मिल पाता था। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से विशेष तौर पर कहा कि वह जनता के बीच जाएं और उन्हें विकास के तुलनात्मक आंकड़े समझाएं। 

समस्याएं सुनकर निस्तारण का दिया आश्वासन

अपने दो दिवसीय गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन बुधवार की सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दरबार लगाया और फरियादियों की समस्याएं सुनीं। गोरखनाथ मंदिर परिसर के हिंदू सेवाश्रम में लगे इस जनता दरबार में मुख्यमंत्री ने करीब 300 लोगों की फरियाद सुनी और समस्या निस्तारण का आश्वासन दिया।

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