गोरखपुर में नदियों के जलस्तर में गिरावट जारी, 158 गांव बाढ़ से मुक्त
गोरखपुर में नदियों का जलस्तर लगातार नीचे आ रहा है। राप्ती नदी का जलस्तर 74.70 मीटर रिकार्ड किया गया। रोहिन नदी का जलस्तर 79.69 मीटर दर्ज किया गया। यह नदी खतरे के निशान से 2.75 मीटर नीचे बह रही है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। भारी बारिश के कारण दो दिनों तक कुछ नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी देखी गई लेकिन जिले की सभी नदियों में गिरावट जारी है। अब तक जिले के 158 गांव बाढ़ से मुक्त हो चुके हैं। राप्ती नदी खतरे के निशान से 28 सेमी नीचे आ चुकी है। जो गांव अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं, वहां राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
इतना है नदियों का जलस्तर
राप्ती नदी का जलस्तर 74.70 मीटर रिकार्ड किया गया। रोहिन नदी का जलस्तर 79.69 मीटर दर्ज किया गया। यह नदी खतरे के निशान से 2.75 मीटर नीचे बह रही है। सरयू नदी का जलस्तर अयोध्या पुल पर 92.24 मीटर रिकार्ड किया गया। यह नदी खतरे के निशान से 49 सेमी नीचे है। तुर्तीपार में नदी खतरे के निशान से करीब 37 सेमी ऊपर है लेकिन नदी का जलस्तर यहां भी कम हो रहा है। एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इस समय जिले में 240 गांव प्रभावित हैं, वहां राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं।
लगातार सुधर रही है स्थिति
गोरखपुर जिले में 460 नाव लगाई गई थीं लेकिन स्थिति में सुधार को देखते हुए 318 नाव हटा ली गई है। कुल 57 मोटर बोट लगाए गए थे लेकिन वर्तमान में किसी मोटर बोट की जरूरत नहीं है। अब तक एक लाख 20 हजार 812 राहत खाद्यान्न किट का वितरण किया जा चुका है। प्रभावित क्षेत्रों में 26 हजार लीटर मिट्टी का तेल भी वितरित किया गया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए 523 मेडिकल टीमों का गठन किया गया था। 40 हजार से अधिक लोगों का उपचार किया गया। तीन लाख 51 हजार से अधिक क्लोरीन की गोली वितरित की गई है।
विधायक ने नगर निगम की कार्यकारिणी को दी बधाई
शहर के 20 वार्डों में जलभराव के लिए लोक निर्माण विभाग और कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करने पर नगर विधायक डा. राधा मोहनदास अग्रवाल ने नगर निगम की कार्यकारिणी को बधाई दी है। विधायक ने कहा कि दोनों विभागों के अफसरों की लापरवाही, अज्ञानता और अक्षमता के कारण लाखों नागरिक जलभराव झेल रहे हैं। विधायक ने मेडिकल कालेज रोड पर क्रास नाला बनाने को नागरिकों के साथ छल बताया। कहा कि नालों को तोड़कर दोबारा बनाने से ही समस्या का समाधान होगा।