देवरिया में कम हुआ नदियों का जलस्तर, नकइल-सेमरौना तटबंध पर कटान तेज

देवरिया में सरयू राप्ती व गोर्रा के जलस्तर में भले ही लगातार कमी हो रही है लेकिन बाढ़ पीड़ितों की दुश्वारी कम होने का नाम नहीं ले रही है। बरहज क्षेत्र में कई गांव अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 10:30 AM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 10:30 AM (IST)
देवरिया में कम हुआ नदियों का जलस्तर, नकइल-सेमरौना तटबंध पर कटान तेज
गायघाट बंधे पर हो रही कटान को देखते ग्रामीण। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : देवरिया जिले में सरयू, राप्ती व गोर्रा के जलस्तर में भले ही लगातार कमी हो रही है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की दुश्वारी कम होने का नाम नहीं ले रही है। बरहज क्षेत्र में कई गांव अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। हजारों एकड़ फसल नष्ट हो गई है। दूसरी तरफ अति संवेदनशील नकइल-सेमरौना बांध पर राप्ती का कहर शुरू हो गया है। जलस्तर घटने के साथ कटान तेज होने के कारण कटर नदी में विलीन हो गया है। मरम्मत के अभाव में जर्जर बोल्डर पिचिंग भी दरक रही है।

राप्ती नदी के निशाने पर है 13 किमी लंबा तटबंध

मदनपुर संवाददाता के अनुसार क्षेत्र का करीब 13 किमी लंबा तटबंध एक बार फिर राप्ती नदी के निशाने पर है। बांध के किमी 4 पर गायघाट में विभागीय खामी एक बार फिर उजागर होती नजर आरही है। समय रहते कटान रोधी उपाय की मुकम्मल व्यवस्था नही होने से तटबंध पर कटान तेज हो गई है। प्यास लगने पर कुआं खोदने की तर्ज पर महकमा रात-दिन एक कर हालात पर काबू पाने के लिए जुटा है, किंतु अथक प्रयास के बाद भी स्थिति सामान्य होती नजर नही आ रही। नदी की बलखाती धारा बोल्डर पिचिंग को भी आगोश में लेने को आतुर दिख रही। इसका नतीजा है कि एक और कटर बिलिन होने के कगार पर है।

चार बार कट चुका है बांध

संवेदनशील तटबंध किमी चार पर विभागीय उदासीनता से चार बार राप्ती धारा में समाहित हो चुका है। इसके बाद वर्ष 2009 में करीब 10 करोड़ की परियोजना से 300 मीटर लांचिंग एप्रन के साथ पक्की पिचिंग कराई गई। मरम्मत के अभाव में जर्जर हुई पिचिंग धारा के मुहाने पर है। वर्ष 2018 में किमी 4.5 पर जीआइ बैग से 12 करोड़ की लागत से 510 मीटर लाचिंग एप्रन के साथ ही एक डेंपनर व दो स्पर बनाया गया।

नदी के रुख पर रखी जा रही है बराबर नजर

देवरिया में बाढ़ खंड के सहायक अभियंता सचिन अग्रवाल ने कहा कि नदी के रुख पर बराबर नजर रखी जा रही है। तटबंध पर कटान हो रही थी, किंतु खतरे जैसी कोई बात नही है। कटान रोधी कार्य जारी है। जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण कर लिया जाएगा।

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