घटने लगा पानी का डिस्चार्ज, कटान तेज होने से स्पर पर खतरा
नारायणी नदी में पानी का डिस्चार्ज अचानक कम होने से कटान में तेजी आ गई और कुशीनगर जिले में अमवाखास बांध के किमी 8.600 से किमी. 8.800 पर बने स्पर पर खतरा खड़ा हो गया है। विभाग रेत से भरी बोरियों से इसको बचाने में जुटा है।
गोरखपुर, जेएनएन : नारायणी नदी में पानी का डिस्चार्ज अचानक कम होने से कटान में तेजी आ गई और कुशीनगर जिले में अमवाखास बांध के किमी 8.600 से किमी. 8.800 पर बने स्पर पर खतरा खड़ा हो गया है। विभाग रेत से भरी बोरियों से इसको बचाने में जुटा है। फिलहाल हालात खतरे का संकेत दे रहे हैं और इस बीच विभाग है कि इससे किनारा करता दिख रहा है।
बांध किनारे बसे लोगों के माथे पर दिख रहीं चिंता की लकीरें
बांध के किनारे बसे लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही हैं। लक्ष्मीपुर के सामने 2018-19 में नदी कटान करते हुए रिंग बांध को काट कर मेन बांध के 90 फीसद हिस्से को जद में ले ली थी। तब बांध को बचाने के लिए विभाग द्वारा सात परियोजनाओं की जरूरत बताई गई थी।
छह परियोजनाओं के लिए मिली 60 करोड़ रुपये की मंजूरी
शासन द्वारा सिर्फ छह परियोजनाओं के लिए 60 करोड़ की मंजूरी मिली। किमी 8.600 पर बने स्पर की स्थिति पूर्व से ही खराब थी, जिस पर परियोजना के तहत इस वर्ष मई तक ही कार्य समाप्त करने का निर्देश था, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते 10 जून से कार्य शुरू हुआ। विलंब होने से नदी ने स्पर के अप स्ट्रीम में कटान शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि यदि डिस्चार्ज में और कमी हुई तो नदी स्पर को पूरी तरह से निगल जाएगी, तब बाढ़ को रोक पाना मुश्किल होगा। इसको लेकर बांध के बगल में बसे दो दर्जन गांवों के ग्रामीण भयभीत हैं।
बांध को नहीं है खतरा : एक्सईएन
बाढ़ खंड के एक्सइएन एमके सिंह ने बताया कि पानी के डिस्चार्ज में कमी जरूर हुई है, लेकिन अभी स्पर को नदी से कोई खतरा नहीं है। स्पर को कटने नहीं दिया जाएगा। कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। शीघ्र इसे पूरी तरह से सुरक्षित कर लिया जाएगा।