कालाजार उन्मूलन के लिए सतर्कता व जागरूकता जरूरी

कुशीनगर जनपद कालाजार प्रभावित है यहां अक्सर इस बीमारी के मरीज मिल जाते हैं यहां के लोगों को इस रोग से बचाने के लिए सरकार की ओर से मछरदानी उपलब्ध कराई जा रही है स्वास्थ्य विभाग आम जन को रोग से बचाव के प्रति जागरूक भी कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 05:48 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 05:48 PM (IST)
कालाजार उन्मूलन के लिए सतर्कता व जागरूकता जरूरी
कालाजार उन्मूलन के लिए सतर्कता व जागरूकता जरूरी

कुशीनगर : कालाजार मरीजों के बीच औषधीय मच्छरदानी जिले के तरयासुजान प्राथमिक स्वास्थ्य केद्र पर सोमवार को वितरित की गई। इस मौके पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.अमित राय ने कहा कि कालाजार उन्मूलन के लिए सतर्कता और जागरूकता जरूरी है। यदि कालाजार लक्षण वाले व्यक्ति दिखें तो उन्हें तत्काल जांच कराने तथा सरकारी अस्पताल पर इलाज कराने की सलाह दें। उन्होंने मरीजों से आह्वान किया है कि यदि उनके गांव व घर के आस-पास कालाजार के लक्षण वाले व्यक्ति दिखें तो इसकी सूचना आशा कार्यकर्ता व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को दें, ताकि उनकी भी जांच व उनका उपचार हो सके।

मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम में क्षेत्र के 25 मरीजों के परिवारों को तीन-तीन मच्छरदानी दी गयी। उन्होंने यह भी बताया कि कालाजार मरीजों को 500 रुपये तथा पीकेडीएल (चमड़ी वाला कालाजार) मरीज को 4000 रुपये इलाज के बाद श्रमह्रास के रूप में दिया जाता है। कालाजार प्रभावित गांवों में निरोधात्मक कार्रवाई भी जारी है। स्वास्थ्य निरीक्षक संजय सिंह ने कालाजार की रोकथाम के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि कालाजार की वाहक बालू मक्खी जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती हैं। ऐसे में रसायन का छिड़काव घर के अंदर तथा बाहर छह फीट तक कराना है। लोगों को बताया जाए कि छिड़काव के बाद तीन माह तक छिड़काव स्थल पर पुताई नहीं होनी चाहिए। कार्यक्रम में पाथ संस्था के ब्लाक मानीटर मानव कुमार व बलबीर तथा लैब टेक्नीशियन रामाशीष उपाध्याय मौजूद रहे। मच्छरदानी पाने वालों में वीरेन्द्र प्रसाद, मनभावती, योद्धा, कांति देवी, सुरेन्द्र यादव, अंजलि, आंचल, किशन , शोभा यादव, सभावती, सुदर्शन पटेल, चंचल, रामचंद्र, चंद्रिका, बालिकरन, नीतू, अभयानंद, वंशी और पम्मी आदि शामिल रहे। कालाजार के लक्षण

कालाजार की वाहक बालू मक्खी के काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है। रुक-रुक कर बुखार चढ़ता-उतरता है। लक्षण दिखने पर मरीज को चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस बीमारी में मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है।

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