पुलिस चौकी में दुष्कर्म पीडि़ता के बयान का वीडियो हुआ वायरल, पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुआ मुकदमा
गोरखपुर में नर्तकी से हुई दुष्कर्म घटना मामले में नया मोड़ आ गया है। हड़हवा फाटक पुलिस चौकी में पीडि़त ने घटना के संबंध में बताया था जिसे चौकी पर मौजूद तीन लोगों ने अपने मोबाइल में रिकार्ड कर लिया था।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में नर्तकी से हुई दुष्कर्म घटना मामले में नया मोड़ आ गया है। हड़हवा फाटक पुलिस चौकी में पीडि़त ने घटना के संबंध में बताया था, जिसे चौकी पर मौजूद तीन लोगों ने अपने मोबाइल में रिकार्ड कर लिया था। इन लोगों ने पीडि़त को चौकी तक पहुंचाने में मदद की थी। बुधवार को इन लोगों ने ही वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। एसएसपी ने इसका संज्ञान लेते हुए शाहपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
पीडि़त ने कई बार बदला बयान, तथ्य की पड़ताल में जुटी पुलिस
शाहपुर क्षेत्र के रहने वाले आफताब अहमद, चॢचल अधिकारी और आशीष कुमार मंगलवार की रात में 11 बजे पीडि़त को हड़हवा फाटक पुलिस चौकी पर ले गए। उस समय चौकी पर सिपाही धर्मेंद्र ही था। जानकारी देने पर चौकी प्रभारी पहुंचे। किशोरी ने उन्हेंं आपबीती बताई, जिसे चौकी पर मौजूद लोगों ने अपने मोबाइल में रिकार्ड कर लिया। इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल होने से पीडि़त की पहचान उजागर हो गई। पकड़े गए दुष्कर्म के आरोपित रवि उर्फ राजू और उसके साथी विशाल से पूछताछ में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली। रवि ने बताया कि मंगलवार शाम से ही किशोरी उसके साथ थी।
पानी के बहाने पिलाया बीयर
पानी के बहाने उसे बीयर पिलाकर अपने साथ बौलिया कालोनी पहुंचा, जहां से विशाल खाली मकान तक ले गया। विशाल ने बताया कि घटना के समय वह मौके पर मौजूद था। बाल संरक्षण अधिकारी व वन स्टाप सेंटर की मैनेजर को पीडि़त ने कई बयान दिए हैं। जिसे पुलिस तस्दीक कर रही है। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ पीडि़त की पहचान उजागर करने और आइटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया है। साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई होगी।
कार्रवाई न करने पर पहली बार पुलिसकर्मियों पर केस
महिला अपराध के मामले में कार्रवाई न करने वाले पुलिसकॢमयों पर पहली पर केस दर्ज हुआ है।किसी भी संज्ञेय अपराध के बारे में सूचना मिलने पर यदि मुकदमा दर्ज नहीं होता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 166-ए के तहत ड्यूटी पुलिस अधिकारी पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। जिसमें एक साल तक का कारावास हो सकता है। कप्तान के सख्ती के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है।