बीएससी एजी व एमएससी एजी के नवप्रवेशी विद्यार्थियों से 29 को संवाद करेंगे कुलपति
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत संचालित कृषि संकाय के बीएससी और एमएससी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों से कुलपति संवाद करेंगे। इसके लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन 29 अक्टूबर को दोपहर 1230 बजे से दीक्षा भवन के प्रेक्षागृह में किया गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत संचालित कृषि संकाय के बीएससी और एमएससी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों से कुलपति संवाद करेंगे। इसके लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन 29 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे से दीक्षा भवन के प्रेक्षागृह में किया गया है। समन्वयक कृषि संकाय ने सभी नवप्रवेशी छात्र और छात्राओं से प्रतिभाग करने की अपील की है। कुलपति वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं अन्य शोधार्थियों को भी संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में सभी संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष मौजूद रहेंगे।
गौतम बुद्ध छात्रावास में प्रवेश आज
गोरखपुर विश्वविद्यालय के गौतम बुद्ध छात्रावास में कक्ष का आवंटन 27 अक्टूबर को होगा। कक्ष आवंटन के इ'छुक विद्यार्थियों को अपने सभी मूल प्रमाण पत्रों के साथ शाम तीन बजे छात्रावास कार्यालय में बुलाया गया है। छात्रावास के अभिरक्षक ने कहा है कि मूल प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद ही अर्ह छात्रों को वरीयता क्रम में प्रवेश दिया जाएगा।
प्री-पीएचडी परीक्षा के लिए शोधार्थियों ने घेरा कुलपति कार्यालय
प्री-पीएचडी परीक्षा को लेकर 2019-2020 सत्र के शोधार्थियों ने मंगलवार को एक बार फिर कुलपति कार्यालय का घेराव किया। शोधार्थी इस मांग पर अड़े रहे कि जल्द से जल्द उनकी परीक्षा की तारीख घोषित की जाए। बात करने आए चीफ प्राक्टर से उन्होंने कोई संवाद नहीं किया। कुलसचिव ने जब बात करने की कोशिश की तो शोधार्थी उनसे भी असंतुष्ट नजर आए। उनका कहना था परीक्षा की तिथि घोषित करने को लेकर उन्हें कोई तर्क या शर्त नहीं सुननी।
चार दिन पूर्व कुलपति का किया था घेराव
दरअसल शोधार्थियों ने चार दिन पूर्व भी कुलपति कार्यालय का घेराव किया था और विश्वविद्यालय प्रशासन को परीक्षा की तिथि घोषित करने के लिए 72 घंटे का समय दिया था। दिए गए समय के बाद भी जब विश्वविद्यालय का कोई निर्णय नहीं आया तो वह एक बार फिर घेराव के लिए पहुंच गए। शोधार्थियों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन बीते तीन वर्षों से उनका मानसिक शोषण कर रहा है। अगर जल्द इसे लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया तो वह बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे। घेराव करने वालों में अरुण यादव, अनुराग अवस्थी, ग्रीष्मा वर्मा, प्रशांत वर्मा, कमलकांत, मनोज कुमार, पुंजिमा, ज्योति, अंजलि ङ्क्षसह, श्वेता, रीतू, निलय विशाल ङ्क्षसह आदि शामिल रहीं।