कुलपति ने कहा-चौरी चौरा जनविद्रोह पर व्यापक शोध की जरूरत

कुलपति ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय में चौरी चौरा अध्ययन केंद्र की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी देकर इतिहास के पुनर्लेखन के मार्ग को प्रशस्त किया है। उन्होंने विश्वविद्यालय के अंदर बनने वाले चौरी चौरा अध्ययन केंद्र सुविधाओं को लेकर इतिहासकारों के सुझाव भी आमंत्रित किए।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 02:47 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:01 PM (IST)
कुलपति ने कहा-चौरी चौरा जनविद्रोह पर व्यापक शोध की जरूरत
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह की फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने चार फरवरी 1922 को होने वाले चौरी चौरा जनविद्रोह के इतिहास पर व्यापक शोध की जरूरत बताई है। उन्होंंन कहा है कि इस जनविद्रोह से जुड़े कई ऐसे तथ्य हैं, जो आज भी प्रकाश में नहीं आ सके हैं या फिर उन्हे जानबूझ कर लाया नहीं गया है। कुलपति चौरी चौरा शताब्दी वर्ष समारोह के क्रम में भारतीय इतिहास लेखन एवं चौरी चौरा की घटन विषय पर आयोजित आनलाइन व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। व्याख्यान में देश भर के इतिहासकार और विषय विशेषज्ञ शामिल हुए।

विश्वविद्यालय में चौरी चौरा अध्ययन केंद्र की होगी स्थापना

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय में चौरी चौरा अध्ययन केंद्र की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी देकर इतिहास के पुनर्लेखन के मार्ग को प्रशस्त किया है। उन्होंने विश्वविद्यालय के अंदर बनने वाले चौरी चौरा अध्ययन केंद्र सुविधाओं को लेकर इतिहासकारों के सुझाव भी आमंत्रित किए। अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली के राष्ट्रीय संगठन सचिव डा. बालमुकुंद पांडेय ने कहा कि चौरा चौरा जनविद्रोह जलियांवाला बाग जैसी घटनाओं को लेकर देश की जनता के मन में धधक रही आग का प्रतिरूप था। उन्होंने देश के इतिहास को भारतीय चेतना, ²ष्टिकोण और दर्शन के हिसाब से लिखे जाने की आवश्यकता बताई। व्याख्यान में देश भर के इतिहासकारों और विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया और अपने विचार रखे।

व्याख्यान से जुडऩे वालों में जेएनयू के प्रो. हीरामन तिवारी, आइसीएचआर के सदस्य सचिव प्रो. रत्नम, प्रो. जॉली, प्रो. सुगम आनंद आदि शामिल रहे। व्याख्यान का भारतीय इतिहास संकलन योजना के ट्वीटर हैंडल से लाइव प्रसारण किया गया। अतिथियों का स्वागत यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट सेंटर के निदेशक डा. हिमांशु पांडेय ने किया। संचालन प्रो. हिमांशु चतुर्वेदी और आभार ज्ञापन प्रो. अजय सिंह ने किया।

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