कुलपति प्रो. राजेश सिंह बाेले, सीबीसीएस पाठ्यक्रम तैयार करने में छात्रहित का रखें ख्याल

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि शासन के निर्देश पर सीबीसीएस को विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष लागू किए जाना है। सभी विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष अपने सुझाव दें ताकि उसे लागू कर इसका क्रियान्वयन किया जाए।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 03:16 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 10:55 PM (IST)
कुलपति प्रो. राजेश सिंह बाेले, सीबीसीएस पाठ्यक्रम तैयार करने में छात्रहित का रखें ख्याल
कुलपति प्रो. राजेश सिंह बाेले, सीबीसीएस पाठ्यक्रम तैयार करने में छात्रहित का रखें ख्याल। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि शासन के निर्देश पर सीबीसीएस को विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष लागू किए जाना है। सभी विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष अपने सुझाव दें ताकि उसे लागू कर इसका क्रियान्वयन किया जाए। इसके पाठ्यक्रम को छात्रहित का ख्याल रखते हुए तैयार किया जाए। सभी के साझा सुझावों से एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाना है, जिससे सीबीसीएस को लागू करने में किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़ेे।

दो दिवसीय कार्यशाला को किया संबोधित

कुलपति 22 नवंबर को विश्वविद्यालय के संवाद भवन में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला को आनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी लोग विषय संयोजन को तैयार करने के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि शासन द्वारा दी गई गाइड लाइन का अनुपालन सुनिश्चित कराया जा सके। बैठक के दौरान सभी विभागाध्यक्षों ने पाठ्यक्रम के संचालन में आने वाली समस्याओं को रखा और उसके समाधान पर मंथन हुआ। प्री-पीएचडी परीक्षा, मिड टर्म परीक्षा, सेमेस्टर परीक्षा, शैक्षणिक एवं परीक्षा कैलेंडर इत्यादि बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।

बैठक में यह रहे मौजूद

बैठक में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय ङ्क्षसह, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. शांतनु रस्तोगी, अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. नंदिता आईपी सिंह, अधिष्ठाता शिक्षा संकाय प्रो. शोभा गौड, अधिष्ठाता विधि संकाय चंद्रशेखर सहित सभी विभागों के अध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक डा. अमरेंद्र कुमार सिंह आदि अधिकारी मौजूद रहे।

134 क्रेडिट की करनी होगी पढ़ाई

कुलपति ने बताया कि पूरे पाठ्यक्रम में मेजर कोर्स, माइनर इलेक्टिव, माइनर केरिकुलर, माइनर वोकेशनल में कुल मिलाकर 134 क्रेडिट की पढ़ाई करनी होगी। इसमें मेजर कोर्स में 114 क्रेेडिट की पढ़ाई छह सेमेस्टर में होगी। माइनर केरिकुलर और माइनर इलेक्टिव में आठ-आठ क्रेडिट, नाथ पंथ, दीनदयाल उपाध्याय और राष्ट्रगौरव में चार-चार क्रेडिट की पढ़ाई होगी। नए पैर्टन का प्रारूप विभागाध्यक्षों के साथ साथ रजिस्टार कार्यालय में मौजूद है। इसे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जा रहा है।

आज महाविद्यालयों के प्राचार्य होंगे शामिल

सीबीसीएस पैर्टन को लेकर राजकीय अनुदानित महाविद्यालयों और स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्राचार्यों के लिए कार्यशाला का आयोजन 23 नवंबर को संवाद भवन में किया गया।

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