अगली लहर से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी : सांसद
सांसद जगदंबिका पाल ने शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बर्डपुर के कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया। टीकाकरण कराने के लिए आए लोगों से बात की। समय से दोनों डोज लगवाने के लिए कहा। अस्पताल में सफाई की जांच की।
सिद्धार्थनगर : सांसद जगदंबिका पाल ने शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बर्डपुर के कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया। टीकाकरण कराने के लिए आए लोगों से बात की। समय से दोनों डोज लगवाने के लिए कहा। अस्पताल में सफाई की जांच की। दवाइयों की उपलब्धता व वितरण के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कोरोना टीकाकरण सेल्फी प्वाइंट पर फोटो खिचवाई।
सांसद ने कहा कोरोना की अगली लहर संभावित है। इससे बचाव के लिए कोविड नियमों का पालन करें। टीकाकरण कराना अनिवार्य है। कोरोना के प्रारंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक और ठोस कदम उठाए, उसी का परिणाम है कि पूरी दुनिया की अपेक्षा भारत में कोरोना महामारी पर नियंत्रण प्राप्त करने में सफलता मिली है। बर्डपुर सीएचसी में प्रतिदिन आठ सौ से अधिक लोगों का टीकाकरण हो रहा है। केंद्र व प्रदेश सरकार के नेतृत्व में राष्ट्र विकास के ऊंचाइयों को छू रहा है। सीएमओ डा.संदीप चौधरी, सीएचसी अधीक्षक डा. सुबोध चंद्रा, पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत साधना चौधरी, नितेश पांडेय, राजकुमारी पांडेय, ओमप्रकाश यादव, अरविद उपाध्याय, अमित उपाध्याय, विवेक गोस्वामी, जहीर सिद्दीकी, संतोष उपाध्याय, डा. महेश कुमार, डा. लोकनाथ यादव, सूरज चौहान, राजकुमार, सतीश श्रीवास्तव, सुधा, स्वाति आदि मौजूद रहे।
23 वर्ष बाद अस्पताल को मिला अपना भवन
डुमरियागंज : क्षेत्र के कुंडी ग्राम पंचायत में निर्मित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रसूल को अपना भवन स्थापना के 23 वर्ष बाद नसीब हुआ है। 18 लाख रुपये की लागत से बने भवन के चलते किराये से छुटकारा मिल गया। जिससे न केवल डाक्टर व स्टाफ को राहत मिली बल्कि मरीजों को भी राहत मिल गई। जागरण ने इस संबंध में 29 जून के अंक में अस्पताल का भवन तैयार, हैंड ओवर का इंतजार शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जिसका नतीजा रहा गुरुवार को अस्पताल विभाग को हैंडओवर हो गया।
राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल रसूलपुर में वर्ष 1998 में अस्पताल की स्थापना हुई थी। किराये के भवन में चालू हुआ अस्पताल पहले तो कुछ वर्ष ठीक-ठाक चला। बाद में भवन खाली करना पड़ा। कुछ वर्षों बाद अस्पताल बगल के गांव कुंडी में स्थानांतरित हो गया था। तब से वही संचालित था। 2018 में शासन से भवन निर्माण की सहमति बनी तो भूमि रसूलपुर में न मिल कर कुड़ी में मिली। 18 लाख रुपये की लागत से कच्छप गति से कार्य शुरू हुआ। निर्माण कार्य वर्ष 2020 में जाकर लगभग पूर्ण हुआ। तब से हैंडओवर की बाटजोह रहा था। जागरण के खबर प्रकाशन के बाद अब अस्पताल हैंडओवर हो गया। चिकित्साधिकारी कुलदीप सिंह सहित क्षेत्रीय लोगों ने जागरण को धन्यवाद ज्ञापित किया।