गोरखपुर विश्वविद्यालय में इन पदों पर शीघ्र निकलने वाली है वैकेंसी, शुरू कर दें तैयारी

गोरखपुर विश्वविद्यालय के 33 प्रोफेसर 50 एसोसिएट प्रोफेसर व 44 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद भरे जाएंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभागवार पदों की संख्या को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। एसोसिएट प्रोफेसर में 24 विषयों में भर्ती होगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:43 PM (IST)
गोरखपुर विश्वविद्यालय में इन पदों पर शीघ्र निकलने वाली है वैकेंसी, शुरू कर दें तैयारी
गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षकों के खाली पद शीघ्र भरे जाएंगे। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षकों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 117 शिक्षक पदों के लिए विश्वविद्यालय ने सात जून तक आनलाइन आवेदन मांगा है। 10 जून तक आवेदन की हार्ड कापी विवि को उपलब्ध कराने का वक्त आवेदकों को दिया गया है। हार्ड कापी आवेदकों को डाक के माध्यम से भेजने को कहा गया है।

इन पदों की निकलेगी वैकेंसी

रोस्टर के हिसाब से हो रही नियुक्ति के तहत विवि के 33 प्रोफेसर, 50 एसोसिएट प्रोफेसर व 44 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद भरे जाएंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभागवार पदों की संख्या को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। अर्थशास्त्र, उर्दू, अंग्रेजी, इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर सांइस, विधि, शिक्षा शास्त्र, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, वाणिज्य सहित 19 विषयों में एक-एक प्रोफेसर पद के लिए नियुक्ति की जाएगी। जिसमें सामान्य वर्ग में आठ, ओबीसी में सात, एससी-एसटी में पांच और आर्थिक रूप से कमजोर में तीन पद हैं। इसी तरह एसोसिएट प्रोफेसर में 24 विषयों में भर्ती होगी। 

ऐसे होगी नियुक्ति

इसमें सामान्य वर्ग और ओबीसी में 15-15, एससी-एसटी में 14 तथा आर्थिक रूप से कमजोर कोटे में छह पदों पर भर्ती किया जाना है। असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 18 विषयों के आवेदन मांगे गए हैं। जिसमें सामान्य के 10, ओबीसी में आठ, एससी-एसटी में 14 और आर्थिक रूप से कमजोर संवर्ग में 12 पदों पर नियुक्ति होगी। विश्वविद्यालय ने सामान्य, ओबीसी और आर्थिक रूप कमजोर वर्ग के 1500 रुपये आवेदन शुल्क निर्धारित किया है। एससी और एसटी संवर्ग के अभ्यर्थियों को इसके लिए 1000 रुपये देने होंगे।

117 रिक्त पदों के को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रोफेसर, एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेेसर के रोस्टरवार पदों की संख्या एवं भर्ती संबंधित सारी सूचनाएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गई हैं। - प्रो. अजय सिंह, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, दीदउ गोरखपुर विवि।

16 विशेषज्ञों की टीम करेगी सेंटर फार जिनोमिस्क का मार्गदर्शन

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के बायो टेक्नालाजी विभाग में शुरू होने वाले सेंटर फार जिनोमिक्स और बायो इन्फार्मेटिक्स के संचालन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने इसके संचालन के लिए 16 सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम का गठन कर दिया है। यह टीम स्थापना से लेकर संचालन तक सेंटर के संचालकों और शिक्षकों का मार्गदर्शन करेगी। टीम में आइसीएमआर, आरएमआरसी, बीआरडी मेडिकल कालेज के डिपार्टमेंट आफ माइक्रोबायोलाजी, एम्स, गोरखपुर विवि के वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित और बायो टेक्नोलाजी के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इस सेंटर के तहत बनाए जाने वाले वायरोलाजी लैब की स्थापना की जिम्मेदारी बायो टेक्नोलाजी विभाग के प्रो. राजर्षि गौर को सौंपी गई है। 

आरएमआरसी गोरखपुर, एम्स गोरखपुर और बीआरडी मेडिकल कालेज के विशेषज्ञों से लैब की स्थापना में प्रत्यक्ष रूप से मदद लेने का निर्णय लिया गया है। विवि को आरएमआरसी के डा. हीरावती देवल और डा. आशीष सिंह से लैब की स्थापना में हर संभव मदद करने का आश्वासन मिल भी चुका है। सेंटर फार सेल्युलर एंड मालिक्यूलर बायोलाजी, हैदराबाद और इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च, पुणे का मार्गदर्शन भी लैब के निर्माण में लिया जा रहा है।

सेंटर फॉर जिनोमिक्स और बायो इन्फार्मेटिक्स में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इसके विभिन्न वैरिएंट और जिनोम के सिक्वेंस पर शोध की योजना है। साथ ही साथ इस सेंटर में फसल और उद्योगों के विकास के लिए आवश्यक माइक्रोब्स को पहचानने और जिनोम सिक्वेंस के लिए स्थानीय स्तर पर पौधों को चयनित किए जाने का विशिष्ट कार्य भी किया जाएगा। सेंटर में प्रस्तावित ढ़ाचांगत सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए देश-विदेश के विशेषज्ञों से आनलाइन या आफलाइन मदद ली जाएगी। - प्रो. राजेश सिंह, दीदउ गोरखपुर विवि।

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