UP: परिवहन निगम ने अगले आदेश तक रोका बसों का संचालन, यह है कारण

परिवहन निगम की अधिकतर बसें डिपो परिसर में खड़ी हो गई हैं। संक्रमण के डर से अधिकतर चालक- परिचालक घर चले गए हैं। टैक्स बचाने के लिए निगम प्रशासन ने लंबी दूरी की 54 बसों को परिवहन विभाग में सरेंडर कर दिया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:30 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 09:10 AM (IST)
UP: परिवहन निगम ने अगले आदेश तक रोका बसों का संचालन, यह है कारण
यात्री न मिलने के कारण रोडवेज की बसें डिपो में खड़ी हो गई हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। ट्रेनों की तरह रोडवेज की बसों को भी यात्री नहीं मिल रहे। लंबी दूरी की लगभग सभी बसें घाटे में चल रही हैं। परिवहन निगम की कमाई आधे से भी कम हो गई है। ऐसे में परिवहन निगम ने गोरखपुर और राप्तीनगर डिपो की वातानुकूलित (एसी) 60 बसों के संचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। जिसमें गोरखपुर डिपो की आठ और राप्तीनगर डिपो की 52 एसी बसें शामिल हैं। अब दोनों डिपो से यात्री मिलने पर सिर्फ सामान्य बसें ही चलाई जाएंगी।

घाटे में चल रही थीं सभी बसें, अब सरेंडर की चल रही तैयारी

दरअसल, गोरखपुर से लोकल रूटों (देवरिया, पडरौना, तमकुहीराज, महराजगंज, सोनौली व ठुठीबारी आदि) पर तो यात्री मिल जा रहे लेकिन गोरखपुर से लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर और दिल्ली रूट पर यात्री नहीं मिल रहे। गर्मी में भी वातानुकूलित बसें खाली ही चल रही हैं। ऐसे में परिवहन निगम को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। गोरखपुर परिक्षेत्र में जहां सामान्य दिनों में रोजाना एक करोड़ व उससे अधिक की कमाई हो रही थी, अब लगभग 30 से 35 लाख रुपये पर आकर सिमट गई है।

यात्रियों की संख्या के साथ कमाई भी लगातार घट रही है। अधिकतर बसें डिपो परिसर में खड़ी हो गई हैं। संक्रमण के डर से अधिकतर चालक- परिचालक घर चले गए हैं। टैक्स बचाने के लिए निगम प्रशासन ने लंबी दूरी की 54 बसों को परिवहन विभाग में सरेंडर कर दिया है। अभी और बसों को सरेंडर करने की तैयारी चल रही है।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। वातानुकूलित बसों के लिए भी मानक के आधार पर यात्री नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में गोरखपुर से संचालित होने वाली वातानुकूलित बसों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। अब स्थिति सामान्य होने पर ही एसी बसों को चलाया जाएगा। - केके तिवारी, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, गोरखपुर डिपो।

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