तंत्रमंत्र के शक में भतीजे ने चाचा का गला रेता, सिर धड़ से अलग करने के बाद फरार

शंकर के बेटे चंद्रकेश यादव को संदेह था कि चाचा हरिनारायण यादव ने तंत्रमंत्र कर दिया जिसकी वजह से उसके पिता और मां की मौत हो गई। उसके बाद से चंद्रकेश ने चाचा को मारने के लिए पीछा करना शुरू कर दिया।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 10:28 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 02:52 PM (IST)
तंत्रमंत्र के शक में भतीजे ने चाचा का गला रेता, सिर धड़ से अलग करने के बाद फरार
हरिनारायण यादव की फाइल फोटो, सौ. स्‍वजन।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। तंत्रमंत्र करके माता-पिता की जान लेने के संदेह में भतीजे ने शुक्रवार को चाकू से गला रेतकर चाचा की हत्या कर दी। सिर को धड़ से अलग करने के बाद आरोपित अपने साथियों संग बाइक से फरार हो गया।तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस तलाश कर रही है।

चाचा को मां-बाप की मौत का मानता था जिम्‍मेदार

जमरु गांव निवासी शंकर यादव और हरिनारायण यादव सगे भाई थे। दो माह पहले शंकर यादव की बीमारी से मौत हो गई। उससे कुछ ही दिन पहले उनकी पत्नी की भी मौत हो गई थी। शंकर के बेटे चंद्रकेश यादव को संदेह था कि चाचा हरिनारायण यादव ने तंत्रमंत्र कर दिया जिसकी वजह से उसके पिता और मां की मौत हो गई। उसके बाद से चंद्रकेश ने चाचा को मारने के लिए पीछा करना शुरू कर दिया। शुक्रवार की सुबह हरि नारायण यादव साइकिल से बगल के गांव मिश्रौलिया गए थे। दोपहर एक बजे लौट रहे थे।

हमला कर जमीन पर गिराया

गांव के बाहर बाइक लेकर अपने दो साथियों संग खड़े चंद्रकेश ने उनके आते ही घेर कर सिर पर चाकू से हमला करने के बाद जमीन पर लेटा दिया। उसके बाद गला रेतकर सिर को धड़ से अलग कर दिया। स्थानीय लोगों के शोर मचाने पर बाइक से साथियों संग शहर की तरफ भाग गया। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि हरिनारायण के बेटे अमरनाथ ने चचेरे भाई चंद्रकेश उर्फ लालजी उर्फ धमाली,शैलेश और देवरिया जिले के एकौना थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव निवासी सुरेंद्र के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया है। आरोपितों की तलाश चल रही है।

सोखइती करते थे हरिनारायण

हरिनारायण यादव सोखइती करते थे। भाई शंकर यादव के परिवार से संपत्ति बंटवारे को लेकर मनमुटाव था। कुछ दिन के अंतराल पर शंकर व उनकी पत्नी की मौत हो गई। जिसके बाद गांव में चर्चा शुरू हो गई कि हरिनारायण ने तंत्रमंत्र कर दिया जिसकी वजह से दोनों की मौत हो गई। हरिनरायन के दो पुत्र और छह पुत्रियां हैं। जिसमें तीन पुत्रियों की शादी हो चुकी है।

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