7.5 करोड़ रुपये से बदले जाएंगे दो हजार जर्जर पोल व तार, मिलेगी राहत Gorakhpur News

तेज हवा चलने पर अब पोल गिरने और तार टूटने का खतरा नहीं रहेगा। शहर में अगले महीने से जर्जर पोल व तार बदले जाएंगे। दो हजार जर्जर पोल बदले जाएंगे। इनमें छह सौ हाइटेंशन और 14 सौ एलटी लाइन के पोल हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 29 Mar 2021 03:10 PM (IST) Updated:Mon, 29 Mar 2021 03:10 PM (IST)
7.5 करोड़ रुपये से बदले जाएंगे दो हजार जर्जर पोल व तार, मिलेगी राहत  Gorakhpur News
दो हजार जर्जर पोल व तार बदले जाएंगे। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : तेज हवा चलने पर अब पोल गिरने और तार टूटने का खतरा नहीं रहेगा। शहर में अगले महीने से जर्जर पोल व तार बदले जाएंगे। दो हजार जर्जर पोल बदले जाएंगे। इनमें छह सौ हाइटेंशन और 14 सौ एलटी लाइन के पोल हैं। 144 किलोमीटर जर्जर तार भी बदले जाएंगे। इस पर 7.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

उपभाेक्‍ताओं की संख्‍या हो चुकी है दो लाख के पार

शहर में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या दो लाख को पार कर चुकी है। उपभोक्ताओं के बढ़ने के बाद भी ज्यादातर इलाकों में पोल व तार नहीं बदले जा सके हैं। इस कारण तकरीबन एक हजार पोल जमीन के पास से जर्जर हो चुके हैं। कई पोल को लोहे का एंगल जोड़कर किसी तरह खड़ा किया गया है। नागरिकों की लगातार मिल रही शिकायत के बाद बिजली निगम ने नए पोल व तार का प्रस्ताव बनाकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को भेजा था। प्रबंध निदेशक की स्वीकृति के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई। गाजियाबाद की फर्म को ठेका मिला है। फर्म संचालक ने बिजली निगम के अफसरों से बात कर अप्रैल महीने से काम शुरू करने की अनुमति मांगी है।

जर्जर ताल बदलने की प्रक्रिया हुई शुरू

अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा ने कहा कि शहर में जर्जर पोल व तार बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इनमें हाइटेंशन लाइनों के भी पोल शामिल हैं।

बिल भुगतान के लिए ठीकेदारों ने मुख्य अभियंता का किया घेराव

बिजली निगम के ठीकेदारों ने बिल भुगतान को लेकर मुख्य अभियंता ई.देवेंद्र सिंह का का घेराव किया। उन्होंने मुख्य अभियंता को उनकी गाड़ी से उतर कर उनके कक्ष में जाने का अनुरोध किया। मुख्य अभियंता एवं ठीकेदारों में आधे घंटे तक नोकझोंक हुई। विद्युत ठीकेदार संघ विभिन्न कार्यों के बिल का भुगतान कराने के लिए लगातार मुख्य अभियंता कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। वे बिलों को सत्यापित कर बनारस डिस्काम भेजने का अनुरोध कर रहे हैं। इसी बात को लेकर अधिकारियों एवं ठीकेदारों में बहस हुई। संघ के बब्बू खान ने कहा कि बिलों को लटकाया जा रहा है। मुख्य अभियंता के निर्देश का पालन भी उनके मातहत नहीं कर रहे हैं।

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