गोरखपुर में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले दो शिक्षक निलंबित

बीएसए ने बीएन सिंह ने कहा कि जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। इसकी जांच संबंधित बीईओ को सौंप दी गई है। रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई होगी।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 07:37 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 07:37 PM (IST)
गोरखपुर में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले दो शिक्षक निलंबित
फजी अंकपत्र में हुई कार्रवाई में फ्राड की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। जनपद के परिषदीय विद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। शिकायत के आधार पर की गई जांच में दो और शिक्षकों के फर्जी प्रमाण पत्र नौकरी करने की पुष्टि होने पर बीएसए ने गुरुवार को इन्हें निलंबित करते हुए मामले की जांच संबंधित बीईओ को सौंप दी।

गलत पाई गई इनकी जन्‍मतिथि

जनपद के कैंपियरगंज विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय बहबोलिया में तैनात सहायक अध्यापक दिनेश कुमार पाठक का नाम तथा जन्मतिथि जिले के यू-डायस डाटा 2019 के विवरण में गलत पाई गई। बीईओ द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर जब जांच कराई गई तो प्राथमिक विद्यालय बहबोलिया के दिनेश कुमार पाठक व तुलसी दास इंटर कालेज में इसी नाम के शिक्षक के पिता का नाम राजेंद्र प्रसाद पाठक समान मिला। जांच में तुलसी दास इंटर कालेज के शिक्षक के प्रमाण पत्र का दुरुपयोग कर नौकरी हासिल करने की पुष्टि होने पर बीएसए ने शिक्षक को निलंबित करते हुए जांच बीईओ कैंपियरगंज को सौंप दी।

महिला शिक्षक के प्रमाण पत्र मिले फर्जी

इसी प्रकार दूसरी निलंबित शिक्षिका बेलघाट ब्लाक के पूमावि हरदत्तपुर में तैनात हैं। शिकायत के आधार पर जब इनके इंटर के अंकपत्र व प्रमाण पत्र का सत्यापन बापू इंटर कालेज सलेमपुर जनपद देवरिया से कराया गया तो दोनों फर्जी मिले। प्रथम दृष्टया दोष सिद्ध होने पर बीएसए ने शिक्षिका को निलंबित करते हुए मामले की जांच बीईओ बेलघाट को सौंप दी। इस संबंध में बीएसए ने बीएन सिंह ने कहा कि जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। इसकी जांच संबंधित बीईओ को सौंप दी गई है।

निरीक्षण में गैरहाजिर मिले 40 शिक्षक और 19 शिक्षामित्र

गोरखपुर नगर क्षेत्र समेत चार ब्लॉक के 141 विद्यालयों के निरीक्षण में 40 शिक्षक, 19 शिक्षामित्र और आठ अनुदेशक गैरहाजिर पाए गए। सभी का वेतन रोक दिया गया है। 41 विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति, कंपोजिट ग्रांट, खेलकूद सामग्री, लाइब्रेरी और रिकॉर्ड को लेकर उदासीनता मिली। देर शाम जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर 40 शिक्षकों, 19 शिक्षामित्रों और आठ अनुदेशकों समेत दो अनुचरों का एक से लेकर तीन दिन का वेतन रोक दिया गया है। औचक निरीक्षण को लेकर खंड शिक्षा अधिकारियों, जिला समन्वयकों, परियोजना अधिकारी और कार्यालय लिपिकों की संयुक्त टीम बनाई गई है। निरीक्षण के तीसरे दिन टीम की ओर से कैंपियरगंज, जंगल कौड़िया, उरुवा, पिपरौली, खोराबार समेत नगरक्षेत्र के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की जांच की गई।

chat bot
आपका साथी