पति की देख रहीं थी राह,मिली मनहूस खबर

सड़क हादसे में एसएसबी के दो जवानों की मौत का मामलारात में बाइक से लंबी दूरी की यात्रा मौत का सफर बन गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 06:36 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 06:36 AM (IST)
पति की देख रहीं थी राह,मिली मनहूस खबर
पति की देख रहीं थी राह,मिली मनहूस खबर

जागरण संवाददाता, गोटवा, बस्ती : हाईवे पर नगर थाना क्षेत्र के फुटहिया ओवरब्रिज के निकट शुक्रवार की देर रात हुए हादसे में बाइक सवार एसएसबी के दो जवानों की मौत से परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। रात में बाइक से लंबी दूरी की यात्रा उनके मौत का सफर बन गई। पति की राह देख रहीं पत्नियों को मनहूस खबर मिली तो उनके करुण क्रंदन से गांव में मातम पसर गया।

ओमकार के पिता ओमप्रकाश ने बताया कि 2011 में उनका बेटा एसएसबी में भर्ती हुआ था। इसके बाद उसकी शादी हुई थी। वह अपने पीछे पत्नी प्रेमलता के साथ ही पांच वर्षीय पुत्र अर्नव व दो माह का बेटा छोड़ गया है। छोटे बेटे का अभी नामकरण भी नहीं हुआ है। पिता ने बताया कि बेटा छुट्टी लेकर घर आ रहा था। दूसरे जवान राकेश कुमार पटेल के छोटे भाई बृजेश पटेल ने बताया कि साल भर पहले बीमार पिता का निधन हो गया था, अब बड़ा भाई भी उन्हें अकेला छोड़ गया। बताया कि 2014 में उनके भाई की शादी हुई थी। राकेश अपने पीछे पत्नी मंदाकिनी, छह वर्षीय बेटे रितिक और चार माह के रिषभ को छोड़ गए हैं। बृजेश के अनुसार उनकी मां उर्मिला बीमार थी। इलाज कराने के लिए छुट्टी लेकर आ रहे थे। दोनों साथी एक साथ ड्यूटी कर रहे थे। अच्छे दोस्त भी थे। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए यात्री बस को छोड़कर बाइक से ही गांव लौट रहे थे। मर्चरी में नहीं रखने दिया शव सीओ कलवारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि देररात जिला अस्पताल में दोनों जवानों की मौत के बाद जब उनके शव को मर्चरी में रखने की बात आई तो मर्चरी में जगह नहीं है यह कहकर पुलिस को शव ले जाने के लिए कहा गया। मजबूरन शव को पुलिस चौकी फुटहिया ले आया गया। दिन में परिजनों की मौजूदगी में शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया।

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सिद्धार्थनगर से पहुंची एसएसबी की टीम

दो जवानों के मौत की जानकारी मिलने के बाद सिद्धार्थनगर जिले में बार्डर पर तैनात एसएसबी की टीम बस्ती पहुंच गई। एएसआइ संतोष कुमार की अगुवाई में दर्जनभर एसएसबी के जवानों ने दिन में मृत जवानों के शव को एंबुलेंस में रख पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया। पोस्टमार्टम के बाद वे शव लेकर उनके परिजनों के साथ गांव भी गए।

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